क्या जिन्दगी तुम्ही हो
कुछ सवालों की महफिल
सजा के बैठी हो
मेरे लिए कुछ शब्द अधुरे
हैं जो संग संग चल दिए
कही तो.,जवाब मिले उन
शबदों में तुम तो गुम किसी
सवाल को तालाश कर लाने
में मेरी कलम से उतर कर
उदासी की वो चादर ओड़
के बैठी हो.....कैसी हो तुम
जिन्दगी कही गुम उन राहों
में खुद मे ही उलझ सी बैठी हो........-
Native...of.... State.... punjab.....
Born in an "officer... read more
कब ये नाटक एक शौ बन गया
कभी कभी इस शौ का हिस्सा
हमारा वो बीता कल रहेगा...
हां यह नाटक ही तो हैं जिन्दगी
जहाँ एक दिन तुम ;एक दिन मैं
ना रहे तो हमारी जगह वो आने
वाला किसी का कल रहेगा....
प्यार तो पहले से ही अमर था...
इसका असर हर जन्म रहेगा....-
किसी के लिए अच्छी
किसी के लिए बुरी हूं
मैं.....
कोई मुझे कुछ बोले
कभी नहीं रूठी हुं मैं..
कुछ नाप तोल के शबदों
में खुद को शांत रख बैठी
हूं मैं...
तुम से लगन हैं कान्हा...
तुम से बेहत्तर कौन समझे
कितनी बार खुद में बिखर
चुकी हूं मैं..........
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तुझ संग बातें हजार हैं
तेरी खामोशी में छिपा
तेरा मेरा प्यार हैं....
कुछ पल की दुरी हैं तेरी
इन आँखो से मुझे पढ़ने
पन्ने बार - बार हैं....-
दो पल की बातों में जो सकुन छुपा हैं
वो बातें बहुत खास हैं
जहाँ वक्त रुका रुका सा हैं....-
कही रात ठहर लम्हे गुजर जिन्दगी की कुछ
बात रात करती है...
यह चांद कुछ कह नहीं पाया खामोशी इस
रात को इस की चुपी से बया करती हैं...
कही तारो से बात करना
कोई गीत हवा संग गाना कुछ सोच कर
कहना कोई बात अपनी मुझसे ;मुझे नीद
में कोई बात नहीं सुनाना....
..... Good night 🌉......
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Happy
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Independence
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Day...-
यह देश कितना निराला हैं
यह मन की बाते पढ़ रही
खुद धरती माता हैं
मैं बहुत अच्छा महसुस करती
हूं....
कि आज मैं एक आजाद देश
की नीव पर खडी हूं......
आजादी के इस जशन में खुद
की आजादी को पाकर खुद
मुसकुराते उन कदमों की आहट
बनी हूं....
Happy independence day 🇮🇳-
कुछ घरों में ही बेहतर से
कुछ बाहर भी आम देखें
हैं मैंने तों घर में मंदिर देखा
तो उसी मंदिर के लिए लड़ते
लोग कुछ बेनाम देखे हैं-