घमंड मे अपने झूठी अच्छाई के वो इस कदर चूर है, दिखावे से बसाई दुनियाँ मे वो एसे मशरूम है, सोचते है की वो जो करे उसका हिसाब कोई नहीं मांगेगा, पर वो भूल जाते है की - भगवान अभी शेष है।।
रोज रात का मंज़र बहुत ख़तरनाक सा होता है, तेरी याद और मेरा तकिया और ये बेचैनी का साथ होता है, अरे कैसे बताऊ तुझे ,ऐ बेवफ़ा तेरे जाने के बाद भी मुझे तेरा हीं एहसास होता है।।