KING MS creation   (King M.S.)
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Joined 10 October 2017


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11 OCT 2020 AT 13:28

Pocketing hope, carrying torches in hands
This sound came from the heart, do something ... do something
Flames have risen in the heart, what to fear from coals now
We have also understood ourselves, now something has to be done…
Now something has to be done ..

Standing with a fist tied, flight with courage
You do not have to stop now, You do not have to bow now
Bump into a storm
Come on, walk, you young man
No more turning back, just ahead of you,
Now something has to be done (x2) ...

Just walk (x2) ... don't have to stop, don'thave to bow
No longer follow anyone
Apart from the best, there is something to be done now….

The voices are in such high, even amber shivers,
Whoever thought of hitting you, also run away
Keep your courage, your boat of life is shaking
The deeper the sea, the higher the mountain win
Now go that much further.
Just do something.

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11 OCT 2020 AT 13:11

जेबों में आशाँए भरकर , हाथों में मशाल लिए
दिल से यही आवाज निकली, कुछ कर जाएं... कुछ कर जाएं
धधक उठी है ज्वाला दिल में, अंगारों से अब क्या डरना है
हमने भी खुद को समझा लिया है, अब तो कुछ कर जाना है...
अब तो कुछ कर जाना है..

चल खड़ा हो मुट्ठी बांध, हौंसले को लिए उड़ान
तुझको अब न रुकना है, तुझको अब न झुकना है
आंधी भी आए तो टकरा जाना
चल-रे-चल, आगे बढ़ तू नौजवान
पीछे अब ना मुरना है, बस आगे तुमको चलना है,
अब तो कुछ कर जाना है (x2)...

चलना है बस (x2)...रुकना है ना, झुकना है ना
अब किसी के पीछे ना रहना है
सबसे हट के अलग अब तो कुछ कर जाना है....

आवाज़ों में हो ऐसे बुलंदी, अम्बर भी कांप उठे,
जो भी तुमसे टकराने की सोचे वो भी उल्टे पाव भाग उठे
हिम्मत अपनी बांधे रख, जीवन की तेरी नौका डोल रही
समंदर जितनी गहरी हो, पर्वत जीतने ऊंचे हो
अब उतने आगे जाना है।
बस कुछ कर जाना है।।

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3 JUL 2019 AT 18:52

कुछ छोटे सपनो के बदले,
बड़ी नींद का सौदा करने,
निकल पडे हैं पांव अभागे,जाने कौन डगर ठहरेंगे!
वही प्यास के अनगढ़ मोती,
वही धूप की सुर्ख कहानी,
वही आंख में घुटकर मरती,
आंसू की खुद्दार जवानी,
हर मोहरे की मूक विवशता,चौसर के खाने क्या जाने
हार जीत तय करती है वे, आज कौन से घर ठहरेंगे
निकल पडे हैं पांव अभागे,जाने कौन डगर ठहरेंगे!

कुछ पलकों में बंद चांदनी,
कुछ होठों में कैद तराने,
मंजिल के गुमनाम भरोसे,
सपनो के लाचार बहाने,
जिनकी जिद के आगे सूरज, मोरपंख से छाया मांगे,
उन के भी दर्दम्य इरादे, वीणा के स्वर पर ठहरेंगे
निकल पडे हैं पांव अभागे,जाने कौन डगर ठहरेंगे .....

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28 MAY 2019 AT 19:15

"THE GREATNESS OF A MAN IS NOT HOW MUCH WEALTH HE ACQUIRES, BUT IN HIS INTEGRITY AND HIS ABILITY TO AFFECT THOSE AROUND HIM POSITIVELY..."

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26 MAY 2019 AT 21:00

Qadam Qadam Par Baharon Ne Sath Chod Diya,
Pada Jab Waqt To Apno Ne Sath Chod Diya,
Qasam Khai Thi In Sitaron Ne Sath Dene Ki ,
Subah Hote Hi Sitaron Ne Bhi Sath Chod Diya...

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26 MAY 2019 AT 16:57

वक़्त मिला ना तुझे मिलने के लिए,
और मै तेरा राह देखते रह गया।।

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18 MAY 2019 AT 22:01

हृदय हृदय के बीच खाइयाँ, लहू बिछा मैदानों में,
धूम रहे हैं युद्ध सड़क पर, शान्ति छिपी शमशानों में,
जंजीरें कट गई, मगर आजाद नहीं इन्सान अभी
दुनियाँ भर की खुशी कैद है चाँदी जड़े मकानों में,

सोई किरन जगाता चल,
रूठी सुबह मनाता चल,
प्यार नकाबों में न बन्द हो, हर घूँघट खिसकाता चल
राही हैं सब एक डगर के, सब पर प्यार लुटाता चल।।

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18 MAY 2019 AT 18:20

कोई नहीं पराया, सारी धरती एक बसेरा है,
इसका खेमा पश्चिम में तो उसका पूरब डेरा है,
श्वेत बरन या श्याम बरन हो सुन्दर या कि असुन्दर हो,
सभी मछलियाँ एक ताल की, क्या मेरा क्या तेरा है?

गलियाँ गाँव गुँजाता चल,
पथ-पथ फूल बिछाता चल,
हर दरवाजा रामदुआरा, सबको शीश झुकाता चल।
राही हैं सब एक डगर के, सब पर प्यार लुटाता चल।।

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18 MAY 2019 AT 0:10

खुशी में माँ, ग़म में माँ,
ज़िन्दगी के हर पहलू में माँ,
दर्द को भाप ले, आंसुओं को नाप ले,
ज़िन्दगी के हर कदम पर,
मुश्किलों को ढाक ले,
गोद में सुलाकर जब अपनी एक थाप दे,
दुनिया स्वर्ग लगे, माँ नींद में भी झांक ले,
जब भी तुझसे दूर जाऊं, माँ डर से कांप ले,
चोट जब मुझको लगे,
माँ दूरियों से माप ले,
माँ बस माँ एक ही नाम
हर कदम पर जाप ले.....

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17 MAY 2019 AT 10:19

इसको भी अपनाता चल,
उसको भी अपनाता चल,
राही हैं सब एक डगर के, सब पर प्यार लुटाता चल।

बिना प्यार के चले न कोई, आँधी हो या पानी हो,
नई उमर की चुनरी हो या कमरी फटी पुरानी हो,
कौन हृदय है नहीं प्यार की, जिसने की दरबानी हो,

तट-तट रास रचाता चल,
पनघट-पनघट गाता चल,
प्यासी है हर गागर, दृग का गंगाजल छलकाता चल।
राही हैं सब एक डगर के, सब पर प्यार लुटाता चल।।

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