नरम नरम हवा में
गरम गरम बहाव है...
पौंछ रहे पसीना और
बीजने का था डोलना
सब एक साथ होता मगर
ए.सी. कूलर में दिखा
दिशा का घुमाव है...
नरम नरम हवा में
गरम गरम बहाव है...-
मनुज हूं मनुज का मनुज को कहना है
मन मग्न मस्त होकर भव में यदि रहना है
तो कर लो शुभ काम आम न समझना कभी
कल्प कल्पवृक्ष बनेगा शं शम्भु जप करना सभी...
🪷✨
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मनुज हूं मनुज का मनुज को कहना है
मन मग्न मस्त होकर भव में यदि रहना है
तो कर लो शुभ काम आम न समझना कभी
कल्प कल्पवृक्ष बनेगा शं शम्भु जप करना सभी-
कई बार हमें लगता है कि हम पूर्ण समर्पण व श्रद्धा से कर्म कर रहें हैं परन्तु फिर भी कोई हमें समझ व जान नहीं रहा, कोई भी परिस्थिति क्यों न हो चाहे मृत्यु भी आपके समक्ष क्यों न आ जाए परन्तु माता-पिता, गुरु के प्रति श्रद्धा व प्रभु के प्रति समर्पण कभी कम मत होने देना....यह तब समझ आएगा जब आपका सम्पूर्ण निर्माण हो चुका होगा अन्यथा आप अधूरे ही रह जाओगे...।
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हमारे बोलने से क्या है जमाना बोल देता है
सच ये है कि अलग ही अफसाना बोल देता है
दिखते नहीं सामने जो उनको भी दिखाता है
ढंग से प्रभु से मिलने की तरकीब सिखाता है....-
कोई कला आसान नहीं भव में
यदि प्राप्त है तो वरदान
नहीं प्राप्त तो करो आदान-
🪷✨
चेतना से चेतना को मिलाओ तो सही
भावों से अन्तस् को जगाओ तो सही
परम तेज से मिल खुल जाएंगे पट सारे
चैतन्य जाग उठेगा फिर मिटेंगे अंधियारे...
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मैंने जब से जानना चाहा है संसार को....
छिद्र हो गए हैं हृदय के अनेक
विदारण दु:खों को झेल कर
पथ पर परम के चल रहें हैं नेक
मित्र हैं वही सबमें सर्वोत्तम एक
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मैं चल रहा बिना राह के, न होता हाथ उसका तो
क्या कर पाता इस अथाह में, बना आसरा तू ही तो..
प्रतिपल, क्षणभर दूर न जाऊं तुमरे साथ रहूं मैं
एक अकेला तू ही तू है और किसके साथ रहूं मैं ....
हे प्रभु ! और किसके पास रहूं मैं.......-