इतने महंगे ख़्वाब मेरे
कभी ना रहे।
ख्याति-
बारिश के बाद की धूप जैसा
कुछ बिखरता
तो कुछ निखरता
पत्तों की सरसराहट सा
मानो जैसे हँसता
कभी मिट्टी की खुशबू सा
हर ओर महकता
कभी पायल की छन छन सा
हर ओर छनकता
तो कभी मोहब्बत में
खामोश,तड़पता,निखरता
और बिखरता
ख्याति
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कभी अंदर कुछ टूट रहा हो
कभी कोई अपना छूट रहा हो
सपने जो कभी देखे थे खुली आंखों से
उन आंखों को मानो कोई नोच गया हो
फिर बहने देना आसूंओं को उन्हीं आंखों से
निकाल फेंकना हर उस जख्म को
जो तुम्हे भीतर से तोड़ रहा हो
लेकिन मारना नहीं उन सपनों को,
ना हीं कहीं दफ़न करना
खुशियां का जहां आशियाना हो,
उस मन को कब्रिस्तान कभी ना करना।
हर हाल में ज़िंदा रखना अपने बचपने
अपनी इंसानियत को,
जो बताता हो तुम्हे की तुम अभी ज़िंदा हो।
ख्याति-
एक वक्त के बाद,
मन में बसी धूल ठीक
वैसे साफ़ हो जायेगी;
जैसे,किसी जरूरी दस्तावेज़ पर
वर्षो बाद किसी ने नज़र डाल कर,
उसपर जमी धूल को हटाया हो।
और,तब प्रतीत होता हो
जैसे,उस दस्तावेज़ को
अब किसी अलमारी में
स्थाई,जगह दे दी जाएगी।
#RR #
ख्याति-