यू तो पहले बंद कमरो मे भी मुस्कुराया करती थी!
छोटी - छोटी बातों पर पुरा दिन खिलखिलाया करती थी!!
दिन ही थे वो कुछ ऐसे जहा सबके साथ बिना हँसे हम न रह पाया करते थे!
नाम बदले गए थे बचपन मे कई बार मेरे!
अपने हरकतों से लोगों को बहुत सताया करते थे!
शायद इसी वजह से मुझे घर मे वो खुशी बुलाया करते थे!!
आज नाम बताने पर लोग कहा करते है, की नाम ही बस है, तुम खुद तो रहा करती नही हो!
उस समय लोग ही इस नाम से हमारी आदतों के वजह से हमे खुशी बुलाया करते थे!!
खो दिये मैंने कही अपनी वो आदते!
रहा न मेरा अब वो अस्तितव् जो कभी पहले था मेरे बस एक नाम से लोगों के सामने !!
लोगों के बिना रहा कैसे जाता है, कभी सोच के ही डर सा लगता था!
पर अब लोगों के बीच मे रहने से दूर ही रहने को मन करता है!!
जहा सब रिश्ते मतलब से बनते है, वही हम मतलब बिना रखे लोगों के साथ रहना चाहते है!!
वक़्त अब नही है वो जो सायद पहले था मेरे पास में!
पहले तो हँस कर लोगों को हँसाती थी, पर अब हँसकर भी खुल कर हँस नही पाते हैं!
समय जितना भी है मेरे पास उसे दुसरो
के साथ यादें बनाकर उन्हें यादें देकर बिताना चाहते हैं!! (:🖤
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