Khushi Singh  
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Joined 16 May 2019


Joined 16 May 2019
16 HOURS AGO

अब खामोश हो गईं हूं,
कहीं खो गईं हूं ,
ऊंचाइयों से डरने लगी हूं,
शायद में अब बड़ी होने लगी हूं।।

मंजिल को पाने की तलाश में ,
खुद की तलाश करने लगी हूं ,
ख्वाइशों को मार कर आगे बढ़ने लगी हूं ,
शायद में अब बड़ी होने लगी हूं ।।

छोटी छोटी खुशियों में खुश होने वाली में,
अब बड़े बड़े दुखों में भी मुस्कुराने लगी हूं,
कुछ टूटने पर मायूस होने वाली में,
खुद टूट के बिखरने के बाद भी, शांत रहने लगी हूं

में शायद बड़ी होने लगी हूं।।
में शायद बड़ी होने लगी हूं।।


~खुशी सिंह



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30 APR AT 23:51

कुछ वो यूं भुला बैठे हैं हमें,
हम चाह के भी भूला नहीं सकते ।।

कुछ तस्वीरें है उनकी,
याद आने पर देख लिया करते हैं ।।

कुछ तोहफ़े हैं उनके,
रात होते ही सीने से लगा लेते हैं ।।

कुछ खत हैं उनके,
बात ना हो पाने से उनको पढ़ लिया करते हैं ।।

कुछ बातें हैं उनकी,
जिनको याद करके मुस्कुरा लिया करते हैं ।।

कुछ वादे किए थे उन्होंने,
याद आने पर तड़पाते बहुत हैं ।।

कुछ वो छोड़ गए है हमें हमारे हाल पर,
हम आज भी उनके आने का इंतज़ार करते हैं ।।

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28 APR AT 15:47

राधा सा इंतेज़ार तो ना,
पर राधा सा प्रेम कर पाऊंगी ।।

सीता से वचन तो ना ,
पर सीता सा साथ दे पाऊंगी ।।

सती सा विरह तो ना,
पर तपस्या कर पाउंगी ।।

मीरा सी भक्ति तो ना ,
पर देखने की लालसा सजाए रहूंगी ।।

में कृष्णा के साथ बंधन में तो ना,
पर उनके चरणों की धूल बनके रह लूंगी ।।


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24 APR AT 21:07

ख़ामोश थी, पर कुछ अल्फाज़ छुपाए बैठी थी,
होठों पर अल्फाज़, आंखों में सवाल, फिर भी चुप चाप बैठी थी,
चाहती थी सब कुछ पूछना उससे, फिर उसे देख में अपने सवाल ही भूल बैठी।।

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20 APR AT 22:43

कभी सोचा नहीं था, कुछ ऐसा भी लिखूंगी,
तुझे भूलाने के लिए, तेरे ही बारे में लिखूंगी।।
सोचती हूं तेरे बारे में,तो अपनी फूटी किस्मत लिखती हूं,
तेरे दिए जख्मों को, तेरा दिया तोहफा समझ कर जीती हु ।।
कभी सोचा ना था, कुछ ऐसा भी लिखूगी ।।
ना जाने कौनसी घड़ी थी, जिस वक्त तुझे अपना लिखा,
नसीब देख तुझे भूलाने के लिए ,तेरे ही बारे लिखना पडा ।।


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14 APR AT 18:53

मगरुर है वो हमे गुरुर नही,
काबिल है वो, हममें काबिलियत नही।।
रुतबा ऐसा, जिसके हम कायल हैं,
रुतबा ऐसा, जिसके हम कायल हैं।।
कमबख्त हम उसकी वो शोहरत नही, और
हमे भी अब उसकी चाह नहीं।।

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7 APR AT 22:23

कमाल की अदाकारी है उसकी,
शब्दों की मिठास से सबको अपना बनाएगा ।।
जो शख़्स करेगा एतबार उस पर,
हर एक उस शख़्स को वो दग़ा दे जाएगा ।।

होंगे लाखों लोग उसके ज़हन में,
पर तेरे सामने वो तुझे ही अपनाएगा ।।
जो शख़्स करेगा एतबार उस पर ,
हर एक उस शख़्स को वो दग़ा दे जाएगा ।।

ख़ुशनसीबी क्या होती हैं यूँ तो भूल जाएगी उससे मिल कर,
अपने फ़रेब मैं तुझको वो ऐसा फँसाएगा ।।
जो शख़्स करेगा एतबार उस पर ,
हर एक उस शख़्स को वो दग़ा दे जाएगा ।।

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1 APR AT 0:23

काश वो एक पल बैठा होता मेरे साथ ,
समझता मेरे हालात ।।

ख्वाब दिखा के अपने साथ,
मुझे उन ख्वाबों के छोड़ गया साथ ।।

तूने कहा था तू देगा मेरा साथ,
धोखा किया है तूने मेरे साथ ।।

मेरी गलतियों की तो माफी थी,
तूने तो गुनाह किया मेरे साथ।।

एक पल बैठता मेरे साथ,
और समझता मेरे हालात।।

~खुशी सिंह


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23 MAR AT 22:30

मेरा त्योहार सूना है बिन तेरे
तू खुश है बिन मेरे।।

तेरी विरह में तड़पी हूं मैं आज भी
देख तेरी तस्वीरे गुजारी मेने शाम भी।

याद मुझे हर पल है तू।
आखिर कैसे मना लू में ये त्योहार भी

छाया है अंधेरा मेरी जिन्दगी में
आखिर तू ले गया है मेरे जिंदगी के रंग भी।।

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20 MAR AT 9:39

तुझसे मोहब्बत करने का गुरुर आज भी है।
तुझे भूला देने की हिम्मत नही ।।

तुझसे खफा हूं लेकिन,
तुझे पाने की चाहत आज भी है ।।

तेरी खामियों का नही, लेकिन,
तुझसे जुदा होने का मलाल आज भी है ।।

तुझसे मिन्नतें है,
कोई भीख नहीं ।।

तेरे आने का इंतजार आज भी है,
जाने का नही ।।



~ खुशी सिंह



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