गलियां सुनसान थी उस समय
जो याद दिला रही थी उसके वादों की...
सोने का मन कर रहा था
गर्मियों के मौसम में दोपहर थी यादों की...!!-
👑ब्राह्मण👑
जय दादा परशुराम🚩🚩
proud to be brahman😎
Belongs to HARYANA... read more
फिर भी कलम तुझे ही लिखती है...
लोग मुझे यूं ही शायर कहते हैं,
पर मेरे शब्दों में तेरी ही तस्वीर दिखती है...
हम तो हो जाते अमीर तेरी यादों से,
पर ये यादें कहां बिकती हैं...!!-
सवाल सी ज़िंदगी है पर जवाब नहीं कोई...
शोर तो बहुत है पर आवाज नहीं कोई...
दुखों का अंत नहीं,
ना खुशियों का आगाज़ कोई...
दुखी तो सारे हैं,
ना खुश रहने का राज़ कोई...!!
-
हम भी उसे सीने से लगा लेते है...
महफिल में करते है जिक्र आपका ही,
आपकी यादों को कोरे कागज़ पर उतार देते हैं...
तोड़ कर दिल आप तो चैन से सो गए,
भरी महफिल में बोला किसी ने कुछ हो जाए,
जब सुनाई आपकी यादें तो हम मशहूर हो गए...!!!
-
दिल के जितने भी टुकड़ों हुए,
मैं फेंक आई थी उनको कहीं...
कोई ढूंढ लाया उनको और पूछने लगा,
ये टुकड़े आपके तो नहीं...
जोड़ने पर बनी थी तस्वीर किसी की,
मैने कहा, मेरा खुदा था वही...!!
-
दिल रो रहा था मेरा , आंखो में नमी सी थी
गम हजार मिले , खुशियों की कमी सी थी...
सब छोड़ कर चले गए , कोई सहारा ना मिला
जिंदगी उस नाव सी थी , जिसे कोई किनारा ना मिला...
अकेली पड़ गई थी मैं , कोई भी साथ ना था
सब गिराकर चले गए , कोई उठाने वाला हाथ ना था...
ऊपर वाला ना जाने किस्मत में क्या लिख रहा था
रिश्तों के बाजार में आकर हर कोई बिक रहा था...!!
-
मैंने खुशी और गम,
दोनो को बांट कर देखा...
खुशियों को नजर लग गई,
और गमों पर नमक...!!
-
काश! तुने आंखो में उतरकर देखा होता,
जो दिल दिया था तुझे, उसको यूं ना फेंका होता...!!
-
दिल के अरमां आसूं बनकर बह गए,
कुछ शब्द जाहिर हो गए कुछ रह गए,
समझा किसी ने नहीं,
पर सब अपनी बातें कह गए,
बेदिलों की महफिल में,
हम दिलवाले अकेले रह गए...!!
-
कोई समझता ही नहीं
सब समझा के चले जातें हैं...
अपनी गलती देखते ही नहीं
बस इल्ज़ाम लगा के चले जाते हैं...!!-