आँखों को बंद करके जो देखा
तुमको तुमसे भी प्यारा देखा।-
कुछ ख़त लिखे तुम्हारे लिए क्या तुम उन्हें पढ़ने आओगे क्या?
जो वादे किए थे कभी साथ मिलकर तुम उन्हें निभाओगे क्या ?
और अब जो तुम चले गए एक अधूरा ख्वाब बनकर,
कुछ ख्वाब मेरे भी थे जो सच करने उन्हें पूरा करने आओगे क्या?
पता होता कि वो आख़िरी मुलाकात है हमारी तो तुम्हें तुमसे चुरा कर कहीं छुपा लेता मैं,
कुछ खुशियां छुपा के रखी है तुम्हारे लिए फिरसे मेरे होठों पे मुस्कराहट बनकर मुस्कराओगे क्या?-
के तुम हर पल मेरे दिल में समाए हो
यूँ तो तेरे हर ग़म का हिस्सा मेरा है,
मेरी हर खुशी का हिस्सा तेरा है,
तुझसे शुरू मेरा हर दिन है,
तुझपे खत्म हर रात है,
तुझसे मेरा दिल जिंदा है,
तुझसे ही हर ज़ज्बात है।
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उसको मालूम कहाँ होगा क्या ख़बर होगी?
वो मेरे दिल के टूटने से बेख़बर होगी,
वक़्त के साथ मेरे घाव भर तो जाएंगे,
पर थोड़ी सी तकलीफ़ तो उम्र भर होगी।-
एक अधूरापन इंसान को तोड़ देता है,
दुनिया के लिए मुस्कुराते हुए खुद के लिए जीना छोड़ देता है,
दिल ही दिल में अंधेरा सा रहता है,
ये अधूरापन ना जाने कैसा है,
ये अधूरापन सिर्फ़ शब्द नहीं है,
ये अधूरापन कोई हर्फ़ नहीं है,
मूसलसल ये एक ख़ामोशी है,
ये अधूरापन अंत नहीं है।
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इंसान बिखर जाता है जब अतीत याद आता है ,
वो खुशी में मोहब्बत तो कहीं ग़म में याद आता है,
वो गुज़रा हुआ हर इक पल याद आता है,
कभी बचपन तो कभी बचपना याद आता है,
कहीं गुज़रा हुआ ज़माना याद आता है,
कहीं आशिक की गलियाँ तो यार का फ़साना याद आता है
इंसान बिखर जाता है जब अतीत याद आता है।
कभी खूबसूरत सी याद बनकर तो,
कभी हसीन मुलाकात बनकर कोई याद आता है,
हर इक गुज़रे हुए पल का पन्ना याद आता है
इंसान बिखर जाता है जब अतीत याद आता है।
ज़िंदगी का गुज़रा हुआ हर पन्ना इक कहानी बनकर याद आता है,
हर इंसान कभी ना कभी बिखर जाता है,
जब उसका बिता हुआ अतीत याद आता है।
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Kuch adhura sa rah gya mujhme,
Kuch gumshuda sa rah gaya mujhme,
Woh mohabbat thi ya aadat thi uski, Kuch tha usme jo rah gaya mujhme.-
वो जो कभी मेरा था
जिसे सबसे सम्भाले रखा था
छुपाया था ज़माने से की किसी की बुरी नजर ना लगे,
नहीं मिल रहा आज जो कल मेरा था,
वो खोया ऐसे जैसे कभी मिला ही ना था,
जो कल मेरा था शायद वो कभी मेरा था ही नहीं,
नहीं मिल रहा जिसे सम्भाले रखा था खुद से भी ज़्यादा।
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जैसा छोड़ा था मुझे तुमने मैं आज भी वैसा ही हूँ ,
मैं आज भी किसी से बात नहीं करता,
अगर बात हो भी जाए तो तुम्हारे सिवा किसी की बात नहीं करता,
तुम्हारा हँसना, तुम्हारा रोना, तुम्हरी आँखे, तुम्हारे सपनें, तुम्हारे मूड का बदलना...,
ये सब ऐसा था मेरे लिए जैसे मानो ये सब मेरा ही हो,
तुम्हें मनाना, तुमसे रूठना, तुम्हें ख़ुश करना, तुम्हें मोहब्बत करना ऐसे जैसे तू सिर्फ मेरे हो,
मैं आज भी आँख बंद करता हूँ तो सिर्फ तुम्हारे सपनें देखता हूँ,
आँख खोलता हूँ तो सिर्फ तुम्हें देखना चाहता हूँ,
मैं आज भी वैसा ही हूँ जैसा तुमने मुझे छोड़ा था।
तुमने कहा था मुझे की मैं तुम्हारे सिवा किसी से मोहब्बत ना करूँ,
देखो तुम चले गए मुझे यूँ छोड़ कर पर मैं आज भी तुम्हारे सिवा किसी से मोहब्बत नहीं करता।-
अब डर नही लगता किसी के भी दूर जाने से,
खुद को पाने से और लोगों को भुलाने से,
अब डर नहीं लगता....
जिसको जाना है वो बेशक जाए,
जाते जाते बस उन लम्हों का हिसाब करता जाए,
कभी खुद को भूल कर जो लम्हें जिये उसके साथ,
जाते जाते उन्हे भी मिटाता जाए।
अब डर नहीं लगता....।-