आज कल के घटिया लोगो की सोच को मानना पड़ेगा खुद की माँ बहने बिना कपड़े घूमे चलता है पर दूसरे की माँ बहनों पर उँगलीया ऐसे ही लोग सबसे पहले उठाते है घटिया लोग घटिया सोच 🤣
मोहब्बत ने मोहब्बत को मोहब्बत से मारा है हमने भी की थी मोहब्बत, हमने भी दिल हारा है जिनकी जान हुआ करते थे, आज आँखो में उसकी चुभते है जब भी हम दिल की बात बयाँ करते है उनसे, वो कहते है हम कल में नहीं आज में जिया करते है ना उनको अब हमसे मोहब्बत रही ना राहा वो पागलपन और एक हम है की आज भी उनके लिए जान देने को तैयार रहते है ये कैसी मोहब्बत है उनकी और मेरी एक वो है जो भूल गया है हमें और एक हम है जिसकी यादों से वो जाता ही नहीं है!!
जब कोई इंसान आपको सुनने वाला, आपको समझने वाला, आपको पढ़ने वाला मिल जाता है तो एक अलग ही मुस्कुराहट आपके चेहरे पर देखने मिलती है दिल में फिर से एक नई सी उमंग जागने लगती है जीने की एक वजह मिल जाती है
एक लंबी सी रात होगी, ना तेरी अब बात होगी होंगे कई गिले शिकवे पर, उसमें तेरी याद ना होगी बिस्तर पर पड़े तकियो पर, आँसू की बरसात भी होगी चाँद सितारे होंगे रुसवा पर, उनसे ना मुलाकात ही होगी जब हम देखेंगे तस्वीरें तो, उनमें भी सिर्फ धूल ही होगी ले आओगे जब झूठा प्यार दुबारा, तुमसे सिर्फ अब घॄणा ही होगी!! (खुशी मिश्रा)
यादों के अलाव जल रहे हैं मुट्ठी से दिन निकल रहे है महीनों से हुए साल साल से सदी अब भी ये दिल जल रहे हैं देखो तो यादों के अलाव जल रहे हैं कुछ जल के ख़ाक हो गए कुछ जल के राख हो गए फिर भी ये आलाप जप रहे हैं देखो तो यादों के अलाव जल रहे हैं कुछ उसकी बेरुख़ी और रुसवाई तो कुछ मेरे प्रेम और सादगी के चिराग़ जल रहे हैं कुछ इस तरह मेरी तन्हाइयों के मशाल जल रहे हैं देखो तो यादों के अलाव जल रहे हैं
मैंने सुना है समस्या के तीन समाधान होते है स्वीकार करो, बदल दो, या फिर छोड़ दो इसलिए कहती हूँ ज्यादा कुछ फ़ना ना करे last वाला opetion चुनकर उन्हें तबाह करे!