khushi mishra   (खुशी मिश्रा ✍️)
4 Followers · 5 Following

खुद के लिए जियो दूसरो के लिए तो कुत्ते भी जीते है 🤣
Joined 27 February 2021


खुद के लिए जियो दूसरो के लिए तो कुत्ते भी जीते है 🤣
Joined 27 February 2021
3 MAY AT 15:41

याद रखिये यहाँ सस्ता मतलब सुंदरता से है

सस्ते थे इसलिए पूछा नहीं किसने यारों
थोड़े हम भी मेहंगे होते ना
तो लोग रुकते भी
देखते भी
दाम पूछते भी
और हमें खरीदते भी

-


3 MAY AT 15:19

बची हुई रोटी

ना पिता के,
ना भाई के,
ना बहन के हिस्से आई,
बासी रोटी थी ना साहब,
इसलिए सिर्फ माँ के हिस्से आई

-


1 MAY AT 20:12

आज कल के घटिया लोगो की सोच को मानना पड़ेगा
खुद की माँ बहने बिना कपड़े घूमे चलता है
पर दूसरे की माँ बहनों पर उँगलीया ऐसे ही लोग सबसे पहले उठाते है
घटिया लोग घटिया सोच 🤣

-


23 APR AT 21:00

मोहब्बत ने मोहब्बत को मोहब्बत से मारा है
हमने भी की थी मोहब्बत, हमने भी दिल हारा है
जिनकी जान हुआ करते थे, आज आँखो में उसकी चुभते है
जब भी हम दिल की बात बयाँ करते है उनसे,
वो कहते है हम कल में नहीं आज में जिया करते है
ना उनको अब हमसे मोहब्बत रही ना राहा वो पागलपन
और एक हम है की आज भी उनके लिए जान देने को तैयार रहते है
ये कैसी मोहब्बत है उनकी और मेरी
एक वो है जो भूल गया है हमें
और एक हम है जिसकी यादों से वो जाता ही नहीं है!!

-


21 APR AT 23:45

जब कोई इंसान आपको सुनने वाला, आपको समझने वाला, आपको पढ़ने वाला मिल जाता है तो एक अलग ही मुस्कुराहट आपके चेहरे पर देखने मिलती है दिल में फिर से एक नई सी उमंग जागने लगती है जीने की एक वजह मिल जाती है

-


21 APR AT 18:46

एक लंबी सी रात होगी,
ना तेरी अब बात होगी
होंगे कई गिले शिकवे पर,
उसमें तेरी याद ना होगी
बिस्तर पर पड़े तकियो पर,
आँसू की बरसात भी होगी
चाँद सितारे होंगे रुसवा पर,
उनसे ना मुलाकात ही होगी
जब हम देखेंगे तस्वीरें तो,
उनमें भी सिर्फ धूल ही होगी
ले आओगे जब झूठा प्यार दुबारा,
तुमसे सिर्फ अब घॄणा ही होगी!!
(खुशी मिश्रा)












-


19 APR AT 22:20

यादों के अलाव जल रहे हैं
मुट्ठी से दिन निकल रहे है
महीनों से हुए साल साल से सदी
अब भी ये दिल जल रहे हैं
देखो तो यादों के अलाव जल रहे हैं
कुछ जल के ख़ाक हो गए
कुछ जल के राख हो गए
फिर भी ये आलाप जप रहे हैं
देखो तो यादों के अलाव जल रहे हैं
कुछ उसकी बेरुख़ी और रुसवाई
तो कुछ मेरे प्रेम और सादगी के चिराग़ जल रहे हैं
कुछ इस तरह मेरी तन्हाइयों के मशाल जल रहे हैं
देखो तो यादों के अलाव जल रहे हैं

-


9 APR AT 9:08

मैंने सुना है समस्या के तीन समाधान होते है
स्वीकार करो,
बदल दो,
या
फिर छोड़ दो
इसलिए कहती हूँ
ज्यादा कुछ फ़ना ना करे last वाला opetion चुनकर उन्हें तबाह करे!

-


25 MAR AT 11:45

तेरे बिन होली
मेरी होली तूझसे है,तेरे साथ है,
ना तेरे पहले थी,ना तेरे बाद है!!!

-


19 FEB AT 16:12

सुनो ना,
तुम थोड़ा ज़हर खा लोना
कल के मरते आज मर जाओ ना।

-


Fetching khushi mishra Quotes