ना कोई आस है
ना कोई पास है
फिर भी तुम्हारे होने का एहसास मेरे साथ है-
ना कर हमें यूँ रुस्वा
की हम रोज़ सिसकते है
तेरे एक दीदार को जाना
हम रोज़ तड़पते है
ले आँखों में आसूं हम
दर दर भटकते है
तेरी चाहत में ए जाना
हम रोज़ ही मरते है-
मेरे हाथ कांप रहे थे
वो लिख रहा था
मैं उसे निहार रही थी
वो मुझसे मुँह मोड़ रहा था
कैसी कश्मकश थी ये ज़िंदगी की
की एक काग़ज का टुकडा यूँ
हमें जुदा कर रहा था-
तुम क्या हो,
मुझे हर रोज़ तुम अपनी औकात दिखाते हो
बेशर्म, घटिया, बतमीज,
मुझे अपना हर एक अंदाज़ दिखाते हो
लोगों के लिए पहन रखा होगा अच्छे होने का जोड़ा तुमने
की लोगों के लिए पहन रखा होगा अच्छे होने का जोड़ा तुमने
अकेले में तो मुझे अपने ढोंग का हर एक रूप दिखाते हो-
कभी किसी से इतना प्यार भी ना करो
की उसकी एक झलक एक msg को तरस जाओ
और उसे फर्क तक ना पड़े 😔-
ये खुशफहमी में ना रहना मेरे दोस्त
की मोहब्बत खुशीयां ही दे जाती हैं
कभी- कभी ये मोहब्बते
रुस्वाइयों का दामन भी थमा जाती है-
अस्पताल के एक छोटे से कमरे में पड़े अपने डर का सामना करना
डर के कारण बेसुध होना किसी तरह होश में आना
पुन्ह: वही चिखना और चिलाना
उस असीम से दर्द को सहना मानो सारी हड्डिया टूट रही हो
शरीर का हर एक अंग बिखर रहा हो
साँसे चढ़ी हुई आँखो से अश्रु की धार बहती हुई
रक्त श्राव तो जैसे थमने का नाम ही ना ले रहा हो
कई सारी सुइयों की चुभन को बर्दाश करते हुए
अचानक इन सब के बीच एक मधुर सी गुंज को सुनना
और फिर उस नन्ही सी जान का स्पर्श होते ही सारे दर्द जो भूल जाना
इसे ही कहते है माँ
Love you maa ❤-
कुछ दिनों से कुछ लिखा नहीं
सोचा तो बहुत कुछ पर
दिमाग कुछ चला नहीं
हाथों ने लिखने की कोशिश भी बहुत की मगर
मन को अच्छा लगा नहीं
आँखो से नदियाँ बहती रही पर
फिर भी ये दिल थमा नहीं-
अब अपने आपको
धरती माता की गोद में
समा लेना ही एक मात्र
सही उपाय नज़र आ रहा है-