क्यों रोते हो इतना???
यह अकेला गम तुझे ही तो नहीं,,
तू ही तो कहता था कि मेरे इस खेल में शामिल अकेले तुम ही तो नहीं,,
तू क्या सोचता है??
कि हम दिल की बंजर जमीं पर नए नए फूल उगाते हैं,,
कभी इस फूल को देख,तो कभी उस फूल को देख नया महबूब बनाते हैं,
तो सुनिएगा,,
हमें पसंद है फूल बस गुलाब का ,,
और वो "गुलाब" का फूल हम बस तुझे बताते हैं।-
गर सब कहते हैं, ये दुनिया गोल है,
तो होगी,
हालांकि मैंने कभी दूर जाते हुए को पास आते नहीं देखा....,— % &-
मौका मिले तो,
तुम्हारे गमों को संवार दूं,
तुम्हारी खुशियों को नई बहार दूं,
आज आई तो थी,तुम मुझसे मिलने,
तो सोचा तुम्हें जी भर के प्यार दूं,
फिर थोडा और सोचा तो पता चला तुम तो मेरी हो नही सकती,,
तो फिर इस ख्यालात को भी अपने जेहन से निकाल दूं।— % &-
किसी की आँखें पढ़ लें वो इंसान कहां,,
किसी से कहो मोहब्ब्त है न तुम्हें,
तो खामोशी जानो मेरी,
तो बड़े प्यार से कहते हैं लोग की हम भगवान कहां???-
वो मोहब्बत भी बड़ी गहरी होती है........
जो दोस्ती से शुरू होती है और दोस्ती की वजह से ही खत्म हो जाती है.......-
Aakhir kyo???
Ek ladki ko ye sochne par majboor kr diya jaata hai ki, Kya uska ladki hona gunah hai???......
Aakhir kyo???
Ek ladki ko God se ye kehna pad jaata hai ki, tune mujhe ldki Kyo bnaya???......
Aakhir kyo???
Ek ladki ko iss baat k liye rona tak pad jaata hai ki, mujhe ladkon jesi aazadi kyo nhi???.....
Aakhir kyo???
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वो रात भी कितनी हसीन होगी जब हम पूरी रात जागेंगे सिर्फ अपने ख्वाबों को सच करने के लिए!!!!
बड़ी हसरत है आलम उस पल की
जिस रोज वो रात आएगी,
मेरी आंखो से नींद तो ले जाएगी,
पर एक दिन मुझे मेरे सपने पूरे कर के दे जाएगी!!!!!!-