एक खंजर सा सीने में यू घुस गया
हर दर्द की दवा था कोई
वो आज दर्द बन गया
अंदर ही अंदर मैं मर गया
न रोने की चाहत है ना सोने की
बस एक कभी न खत्म होने वाली
नींद ख्वाइश बन गई पर आंखे खुली रही
और मैं जिन्दा लाश बना गया
-
हवाओ के साथ है खुशबू
तुम में, मुझमें जो ह... read more
समझदार लड़के ,
दोनों चीज साथ रखते हैं
पहेली प्रेमिका और
दूसरी पत्नी की खोज-
तुम उसे अपना अपना कहते कहते
बिल्कुल उसकी हो जाओगी
और वो एक दिन
Family का नाम पर,
तुम्हें इस कदर छोड़ जायेगा
फिर ना तुम मर पाओगी और
ना तुम्हें जीना रास आए
इसी लिए कहती हूं संभल जाओ समय रहते
तुम्हारे अलावा कोई तुम्हें नहीं समझा पाएगा
ये मतलबी दुनियां है, तुम्हे रोता हुआ छोड़ जाएगी
अभी भी कह रही हूं, संभाल लो खुद को
रोती रह जाओगी और कोई आंसू पोंछने नई आएगा
All the best
-
तुम्हें सोच सोच कर यूंही ये रस्ता निहारु
तुम्हारे आने की राह में साजन यूं ही जिंदगी गुजारु-
लफ्जों में वो ताकत कहां , जो मेरा दर्द बयां कर सके
मेरी खामोश आंखें ही काफी है , गर जो कोई पढ़ सके-
आपसे मिलकर मेने जाना :-
असल में प्यार होता क्या है:-
Care, respect, responsibilities, value
इन सभी शब्दों का मतलब
सही मायने मे मेने जाना
और
मेरे बोलने से पहले ही मेरी बात समझ जाना
प्यार मैं कभी लड़खड़ाई तो
दोस्त बनकर आपका यू समझाना
पल भर भी कभी उदास हो जाऊं तो
मेरी उदासी को मिटाकर मुझे हंसाना
तुमसे मिलकर मेने जाना
समर्पण का स्वरुप है ,प्रेम
प्रेम का दूसरा नाम तुम ही "जाना"-
मेरी मुस्कुराहट आंखों से बयां हो तो अलग बात है
खुल के मुस्कुराऊंगी मैं ,अगर उस मुस्कुराहट की वजह
"आप" हो तो अलग बात है-
जहा से हमारी सोच शुरू होती हैं
वहा तक आते आते
कुछ लोगो की सोच ही ख़त्म हो जाती हैं
-
चार चौथ में बड़ी करवा चौथ
करती हूँ प्रार्थना कर जोड़
करवा चौथ का व्रत मैं करू
मन में करवे जैसी मिठास धरू
माँ तु दयामयी हैं
रखना दया के वृहद हस्त
देना सुख समस्त
है पिय मिलन की आस
पुरी करना मेरी हर अरदास
बन गौरी, शंकर का मन में ध्यान करू
हर परीक्षा को सफलता पुर्वक पार मैं करू
हर जनम में वर , शिव सा मैं वरू
माँ तू दयामयी है तू जगत जननी है
मन में मां मैं तेरा ध्यान करूं
सज धज कर मै सोलह श्रृंगार करू
अपने पिय की लंबी उम्र के लिए
करबद्ध करके तुझे प्रणाम करूं
सजाऊ पूजा की थाली
सोलह सिंगार अर्पण कर जाऊं
अपने प्रिय की लंबी उम्र और
सुख समृद्धि का वर में पाऊं
निर्मल मन और पुरी श्रद्धा
भक्ति से आपको प्रसन्न कर पाऊं
-