Khushboo   (Khushboo)
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Joined 31 May 2018


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Joined 31 May 2018
2 MAR AT 18:36

"जीवन चक्र"
इंसान पूरी ज़िंदगी इस भ्रम में जीता है कि,
मैं इस परिवार एवं समाज का हिस्सा हूँ,
पूरी ज़िंदगी बटोरने में बिता देता है,
किंतु सफ़ेद कपड़े में लिपटा शरीर,
रिक्त-हस्त ही जग से मुक्त हो जाता है,
और सुलभ ही सब बाहर आ जाते हैं,
मानो कोई दुस्वप्न से बाहर आता हो||
(खुशबू)

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21 NOV 2023 AT 23:33

"एक फूल"
चौराहे पर देखा मैंने,
फूलों संग "एक फूल",
फूलों से भी था कोमल,
वो जीवित "एक फूल"|
जी चौराहे पर देखा मैंने,
फूल बेचता "एक फूल ",
विवशता की ओढ़े चादर,
सिक्के गिनता " एक फूल "|
गात सने थे उसके मिट्टी से,
कुछ अस्पष्ट सा था चेहरा,
पर आँखें बयाँ करती थी,
बिन चिंगारी का चूल्हा||
" खुशबू "

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14 NOV 2023 AT 8:41

जब आप अपने शब्दों की अहमियत जान लेते हैं,
तो आप अपने मौन को अपना हमराही बना लेते हैं||

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1 MAY 2023 AT 11:06

"अनभिज्ञ राज़"
आज हुआ है पुनः मिलन,
भू और इठलाती बूँदों का,
लगता संदेशा भेजा है,
नभ ने दिल के इक कोने से,
रोमांच पूर्ण है प्रकृति आज,
जागृत हो उठा है कण-कण,
क्या कहती हैं बूँदें?
क्या कहती है वसुधा?
क्या राज़ है धरा-गगन का?
किसको कब पता चला है?
जो भिज्ञ है इन इन्गों से,
वो शांत-चित्त पड़ा है||
खुशबू

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20 MAR 2023 AT 11:02

" आत्म सृजन "
झाड़ लेती है,
सपनों पर जमी गर्द,
सुखा लेती है,
पसीने संग आँसू,
धो डालती है,
बर्तनों संग सुने ताने,
रफू कर लेती है,
कपडों संग जिंदगी,
जगा देती है,
सोए अरमानों को,
पुनर्स्थापित कर लेती है,
स्व-विश्वास को,
परोस देती है,
प्रेम-भोज की थाली,
और सृजन करती है,
स्व-समाज का ||
(खुशबू)

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5 SEP 2022 AT 10:47

हर राह पर देते हैं सही राय,
हर पल महकता है जिनका किरदार,
वो आफताब हैं हमारे,
उनसे ही रौशन है हमारा किरदार।।
(खुशबू)
(आपको शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ)

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1 AUG 2022 AT 22:01

यदि आपका मज़ाक उड़ाकर,
किसी को खुशी मिल रही है,
तो वो भी उत्तम स्थिति है,
क्योंकि आप किसी की,
मुस्कुराहट की वजह बने हैं,
किसी की उदासी की नहीं।।

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25 JUL 2022 AT 20:41

वैसे तो न ही जन्मों तो भला,
पर गर जन्मों,
तो अत्यंत सब्र देकर भेजो,
हे! इष्टदेव।।

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10 JUL 2022 AT 20:38

जंग जग से नहीं खुद से लड़ो,
वक्त को थोड़ा वक्त दो,
यकीं सब पर नहीं खुद पर रखो,
दृढ़ता को थोड़ा दृढ़ रखो।
(खुशबू)

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19 JUN 2022 AT 11:19

"प्रेम जो कर्म में दिखता है"

गलती में समझाने वाले,
सही में साथ देने वाले,
दर्द में मुस्कुराने वाले,
निराशा में आशा देने वाले,
बिन कहे प्यार करने वाले,
हमारी हर बात समझने वाले,
कहकर नहीं करके दिखाने वाले,
होते हैं पिता
अपनी औलाद का मन पढ़ने वाले।।
(खुशबू)

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