Khushboo Pandey Khwahish   (© ख़ुशबू पाण्डेय)
214 Followers · 123 Following

read more
Joined 9 April 2019


read more
Joined 9 April 2019
19 MAR 2023 AT 23:08

कुछ भी न हासिल करना है
न कुछ खोने का ग़म है मुझको
मर कर भी ज़िन्दा तो हूं
ये कैसी ग़फ़लत है तुमको

-


17 MAR 2023 AT 13:17

Those political games and selfish views.

-


17 MAR 2023 AT 12:31

मैं अब पहले सी पागल नहीं मुहब्बत में
वो लड़का भी अब आस-पास नहीं रहता

-


13 FEB 2023 AT 18:51

जब मरने से पहले देह नहीं मरता

जब मरने से पहले देह नहीं मरता
तो सपनों को क्यूं ही मारा जाए...
जबतक चलती जाएं सांसें चलो,
हार-जीत का सिक्का नया उछाला जाए।
माना थोड़ी देरी की है,
पर दिल को कैसे संभाला जाए।
जलना अपना काम है देखो,
फिर चाहे जिधर उजाला जाए।

जब मरने से पहले देह नहीं मरता
तो सपनों को क्यूं ही मारा जाए...?

-


6 FEB 2022 AT 22:00

अपने कर्म सदा ही करते चलिए,
धर्म मार्ग पर चलते चलिए,
जिन्हें साथ आना होगा आएंगे,
वरना बाद बहुत पछताएंगे।

-


29 JAN 2022 AT 23:05

मुख़्तसर ग़ज़ल
💜🌻💜🌻💜

यार मुझसे बिछड़ते ग‌ए हर क़दम
ख़्वाब मेरे बिखरते ग‌ए हर क़दम

दोस्तों संग गुलज़ार थी ज़िंदगी
बाग़ अपने उजड़ते ग‌ए हर क़दम

लम्हा लम्हा सुकूँ था न आगे का डर
लम्हे सारे बिसरते ग‌ए हर क़दम

एक डोरी थी हमको जो बाँधे हुई
धागे उसके उधड़ते ग‌ए हर क़दम

याद कुछ अब भी 'ख़ुशबू' को आया करें
पल जो सारे गुज़रते ग‌ए हर क़दम

-


26 JAN 2022 AT 16:29

ख़ुशबू के दोहे:

🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
नाम को पहचान मिली, मिला ऐश आराम ।
नशा बुलंदी का चढ़ा, भ्रष्ट हुए फिर काम ।।
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼

🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
मेल कराती कुंडली, मन का मिले न मेल।
तनिक समय तो दीजिए, ब्याह नहीं है खेल।।
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻

🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
अक्सर छल करते वही, रखते मन में बैर।
ख़ुशबू कड़वा सच कहे, चाहे सबकी ख़ैर।।
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼

🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
झूठ कपट की आड़ में, जन्म न कर बेकार।
सच का दामन थाम कर, निकल बदल संसार।।
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻

-


25 JAN 2022 AT 19:53

नज़्म
🌻🌻🌻🌻🌻🌻

गणतंत्र भारत तंत्र ऐसा
सारी दुनिया में कोई
जैसा न हो सका
इसकी हवाओं का
घन छटाओं का
हर मुसाफ़िर हो गया
सबको है अपनाया इसने
सबका नित किया है सम्मान
झोली सबकी भर दी इसने
आया जो भी खाली हाथ

गणतंत्र भारत...
भूमि भारत की सदा
सब पे ही नेह लुटाती है
चेतना चिंतन का निज
ये पाठ हमको पढ़ाती है
छल हुए हैं लाख किन्तु
है अटल अस्तित्व इसका
कोई खण्डित कर सके न
है अखण्ड ऐश्वर्य इसका....

-


25 JAN 2022 AT 4:04

इक शे'र

मुहब्बत हो गई तो फिर जला करते हैं दिल जाना
वो जन्नत ये ज़मीं हाज़िर हैं सब आ अब तो मिल जाना

-


24 JAN 2022 AT 20:25

ग़ज़ल

बह्र- 122 122 122 122

यहां गर दिलों में महज़ प्यार होता
न होती लड़ाई न आज़ार होता

सुनों बात मेरी न उसको सताओ
सताने से हासिल नहीं यार होता

समझते हो तुम क्यूं मुहब्बत बला है
बला गर ये होती न संसार होता

दबी हसरतें हों तो जलता है मन भी
नहीं शौक़ से कोई पैज़ार होता

बड़ी ख़ुशनसीबी तेरी है ये 'ख़ुशबू'
नहीं सबका तुझसा भी मे'आर होता

-


Fetching Khushboo Pandey Khwahish Quotes