Khushboo Mishra   (@khushi.quotes_)
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Joined 14 May 2020


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8 HOURS AGO

ऐ जाने वाले तुझे गर जाना ही था , तो
यूं महीनों तूने दिल क्यों लगाया, बेरहम

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YESTERDAY AT 12:41

वो बैठी रही घंटों अकेले
गुम स्वयं में चुपचाप सी
ना जाने क्यों मगर
शोर बहुत सुनाई दे रहा था
आसपास उसके
जैसे वो चीख रही हो
अंदर ही अंदर

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YESTERDAY AT 12:32

Dear july

तुम बरसना और खूब बरसना
किसी की बातों में बिल्कुल ना आना
लोगों को आदत है समय के हिसाब से
अपना काम निकलवाना

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22 JUN AT 9:46

मैं अपने साम्राज्य की महारानी
करती बस खुद की मनमानी
ना सिखाओ मुझे सही गलत
मैं करूंगी वहीं जो है मैंने ठानी
ज्ञानियों को मेरा दूर से प्रणाम
सबके मन की बात मैंने खूब पहचानी

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22 JUN AT 9:40

ये जिन्दगी है
हर कदम पर
कुछ ना कुछ सीखा ही देती है

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16 JUN AT 13:49

चल रही हुं मैं और चलती जा रही हुं
मैं हर दिन बस सवरंती जा रही हुं

शांत सी चुपचाप सी मंद मंद है गति मेरी
मैं मौसम संग बदलती जा रही हुं

एक दिन तो रुकेगी बारिश इम्तिहानों की
मैं बस इसी स्वप्न में जिए जा रही हुं

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30 MAY AT 17:41

बिखेर दी मैंने अपनी सारी पंखुड़ियां
फैला दी खुशबू दूर गगन तक
रखा ना कतरा भी पास मेरे
मैं टूटा हुआ गुलाब तेरी बगिया का

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23 MAY AT 23:49

जिस तरह भरे हुए में थोड़ी जगह है
जिस तरह हम में थोड़ी खुशी है
और जिस तरह तपिश में भी नमी है
हां उसी तरह तुम्हारे होते हुए भी कुछ कमी है

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22 MAY AT 8:24

जब हमसफ़र कोई साथ होगा
मुश्किलों का आना तो तय है
मरहम मगर हमदर्द होगा

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18 MAY AT 8:16

सुबह हो तो गई है
हां मगर मैं अब भी गुम हूं
रात के अंधेरे में कहीं

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