मन में ही रहे तो अच्छा
क्योंकि यहां समझने वाला कोई भी नहीं है
मगर हा समझाने वाले बहुत है बहुत है
जबकि हमें समझने वाले की जरूरत है
-
कभी-कभी यह प्रतीत होता है कि जीवन में कुछ भी शेष नहीं रहा। वह लड़की, जो बिना किसी कारण के मुस्कुराया करती थी, कहीं खो गई है। जिसे सजने-संवरने का शौक हुआ करता था, वह शौक अब एक साधारण सी साड़ी में सिमट कर रह गया है। जिसके चेहरे पर हर वक्त एक चमक हुआ करती थी, अब तो उसके चेहरे पर मुस्कुराहट देखना तक मुश्किल हो गया है। जैसे उसे घूमना-फिरना पसंद था, अब वह जीवन एक चारदीवारी में सिमट कर रह गया है। जो लड़की अपने मुताबिक जीना पसंद करती थी, अब वह किसी और के हिसाब से जीने की कोशिश में अपना दिन निकाल रही है। जिसे अपने दिन गुजरने का पता कभी चला ही नहीं, अब वह लड़की हर छोटी-बड़ी बातों का हिसाब रखने लगी है। वह लड़की जिसने कभी अपनों के लिए रुपयों को कुछ नहीं समझा, अब उसे हर पल रुपयों की अहमियत सिखाई जा रही है, जो शायद वक्त रहते जान लेनी चाहिए थी। खुलकर हंसी-ठिठोली करे, एक अरसा बीत गया। याद नहीं कब था वह आखिरी दिन, दिल के साथ दिमाग भी भूल चुका है। न जाने उसमें रोज हजार कमियां कहां से आ जाती हैं, जो पिछले 24 सालों में उसके दोस्तों और घरवालों को न दिखीं, क्योंकि शायद उन सबके अलावा उसे कभी कोई अपना बना ही नहीं। बस उसे एक जिम्मेदारी समझा गया। - कभी-कभी लगता है लड़की होना ही सबसे बड़ी गलती है।
-
ये जो तुम भाई को भाई से दूर कर रही होना
धीरे धीरे
शायद तुम भूल रही हो
बहू तुम्हें भी तो लानी है ना
कलयुग है।-
राधिका के प्यारे कृष्णा हमारे
राधिका के प्यारे कृष्णा हमारे
मनमोहन सी छवी बसी है नैनन में हमारे
मनमोहन सी छवी बसी है नैनन में हमारे
ठुमक ठुमक के चलत है देखो आंगन में हमारे
राधिका के प्यारे कृष्णा हमारे
काली कमली वाले कृष्णा हमारे
राधिका के प्यारे कृष्णा हमारे
गईया को चराई देखो कृष्णा हमारे
राधिका के प्यारे कृष्णा हमारे
मनमोहन सी छवी बसी है नैनन में हमारे
सुंदर सी मुस्कान पर मन बैठे हारे
राधिका के प्यारे कृष्णा हमारे
माखन को चुराते देखो कृष्णा हमारे
मोहन सी छवी बसी है नैनन में हमारे
गोपियों संग रास रचाई कृष्णा हमारे
राधिका के प्यारे कृष्णा हमारे
काली कमली वाले कृष्णा हमारे
राधिका भी जिस पर जान है वारे
सबसे न्यारे कृष्णा हमारे
मुरलीधर यह देखो राधिका के प्यारे
मनमोहन सी छवी बसी है नैनन में हमारे
राधिका के प्यारे कृष्णा हमारे
Khushbu akhariya
-