1222 1222 1222 1222
तेरी तस्वीर का जादू ग़ज़ल में मुस्कराता है।
चुराकर हुस्न गुलशन का ये लफ़्ज़ों को सजाता है।
मै उल्फ़त के समुन्दर में डुबो देता हूँ जब ख़ुद को-
वफाओं की बना कश्ती वो साहिल पर लगाता है।
खेमचन्द'उदास'-
11 JUL 2019 AT 19:19
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तेरी तस्वीर का जादू ग़ज़ल में मुस्कराता है।
चुराकर हुस्न गुलशन का ये लफ़्ज़ों को सजाता है।
मै उल्फ़त के समुन्दर में डुबो देता हूँ जब ख़ुद को-
वफाओं की बना कश्ती वो साहिल पर लगाता है।
खेमचन्द'उदास'-