देवताओं से भी हल नहीं हुई,जिन्दगी कही सरल नही हुई,कि अबके साल फिर यही हुआ अबके साल फिर फसल नही हु -
देवताओं से भी हल नहीं हुई,जिन्दगी कही सरल नही हुई,कि अबके साल फिर यही हुआ अबके साल फिर फसल नही हु
-