तुझ से पहले कई बादशाह आए
खुदा ने उन्हें फ़कीर बना दिया
हमारे हाथों में लकड़ी का गुरूर है
क्योंकी ने इन्हें शमशीर बना दिया
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हाथ में पकडे मोबाइल की अहमियत बग़ल में बैठे इंसान से ज़्यादा बन चुकी है, आज कल के रिश्तें कमज़ोर होनी की सबसे बड़ी वजह यही हैं...
इल्यास मख़्दूम भाई-
हीरे पर खरोंच लगने पर उसका दाम कम मिलेगा
अब तो वो मस्जिद की सफ में हर दम मिलेगा
हम बहुत खुश हो रहे है हाजी आ रहे है क्योंकि
हम गुनहगारों को भी अब आबे जमजम मिलेगा-
यह जो हवा में उड़ रहे है ना
याद रहे यह हवा भी खुदा के हुकुम से चलती है-
सही है धरती पर आप जैसे ऐप
प्रीमियम लगा रहे है।
कभी याद आए तो इंस्टाग्राम का लिंक ओपन करके आ जाना उधर ही ढेरा डालेंगे
अलविदा दोस्तों
गुड बाय
गुड नाईट— % &-
तुझे लाखों बार
कई लोग उड़ गए है,इस आंधी में
के कितना जोर है,लाठी वाले गांधी में
वो नफ़रत के पुजारी क्या जाने तेरा मोल
जो बिक अंग्रेजो के चंद रुपए और सोने चांदी में— % &-
सलाम का शायरी से आगाज करता हूं।
"तेरे नाम यह तख्त ओर ताज करता हूं।
योरकोट पैसे मांग रहा है इस कोरोना में
अब बंद करेंगे या फिर इंतज़ाम करता हूं।— % &-
जो चीज जरूरी थी वो भूल गए हम
छोड़कर तालीम बीच में झूल गए हम
यह कोम् के बच्चे सड़क पर घूमते रहे
हमें मालूम नहीं कभी स्कूल गए हम...— % &-