अब वो ख्वाबों के शहर बर्बाद हो चुके हैं साह्ब,
अब वहाँ समझदारों के महलों ने जगह ले ली है ।-
Naraz ho tab to jaan nikal rahi,
Nafrat ho gai tab to mar hi jayenge....-
मह्फ़िलो में हमें युँ बुलाया ना करो गा़लिब,
तनहाँईयां उनकी शोर मचाने लगती हैं ।-
Aksar tanhaiyon mein usse baten kar rahe hain,
Badle Uske bhi Ham ushi se baten kar rahe Hain,
Ham pagal ho rahe hain2,
ye baat b hame ab pata chali,
Ke gharwale bhi ab mere liye Dr.on se baate kr rahe hain.-
जब कभी रोना आये तो मुझे call कर लेना,
मेरे रोने के वक़्त तुम साथ ना थे,
पर तेरे साथ मैं जरुर रो लुँगा ।-
अकेले होने में नहीं,
अकेले अंधेरे कमरे में रोने में हैं,
के आपका चेहरा आँशुओ से भिगा हो और एक हाथ भी न हो आपकी ओर बढ़ने को.-
ढलते शाम से मैने भी एक ख्वाहिश मांगी.....
के मेरे साथ-साथ उसकी याद में ये आसमान रो पड़े, फ़िर उस रात मेरे शहर में भी तेज़ बारिश हुई ।-
सलाह की नहीं मुझे साथ की जरूरत है,
इस दफ़ा मेरी लड़ाई दूसरों से नहीं खुद से है ।-
वो आए थे वापस हमारे पास.......
हमनें उन्हें कुछ युँ कहकर विदा कर दिया के ........
इस दिल में तु नहीं, कोई और भी नहीं-2
लाशों के दिल धड़का नहीं करते,नब्ज़ देख हाथ टटोल, हम लाश हैं साहब हम जीवन भर किसी के साथ चला नहीं करते।
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