मैसेज के ज़माने में मैं खत लिए बैठा हूं। मोबाइल के ज़माने में कबूतर से उम्मीद लगाए बैठा हूं। बहुत पीछे रह गया हूं इस ज़माने में मौसम की तरह बदलते प्यार से मैं उम्रभर की आस लगाए बैठा हूं।
बात चली जब प्यार की हमने तुन्हें याद किया। बादल काले देख कर तेरे काजल को याद किया। गर्मी की तेज धूप मे तेरी झुल्फों की छाओ को याद किया। जग की सजावट देख कर तेरी सादगी को याद किया। माना ज़िन्दगी का सफर तुम बिन तय किया हमने पर इस सफर के हर पल में हमने तुम्हें याद किया।