ख़ामोश अल्फाज़   (सौम्या...✍🏻)
303 Followers · 56 Following

Joined 8 January 2024


Joined 8 January 2024

जिन्दगी हमारी कैसी भी हो
पर अजनबियों के सामने हम अपनी किताब का पन्ना नही खोल सकते

-



नए नए
रूपो में
बनती हैं
एक स्त्री की
नई नई
परिभाषा

-



बढ़ते क़दमो में जैसे
ज़िंदगी तो एक समझौते का नाम बन गई है

-


















— % &














— % &

-



कुछ राहें ऐसी रहती जिनसे गुजरना ही पड़ता
दर्द हैं आराम हैं खुशी हैं कोई नही पूछता

-


Fetching ख़ामोश अल्फाज़ Quotes