keshav Sharma  
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Joined 21 May 2019


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Joined 21 May 2019
14 MAY 2021 AT 21:07

बातों बातों में बाते बनाना कोई आप से सीखे।
बिना तीली से आग लगाना कोई आप से सीखे।

दिल के जलने पर कहा कभी धुआ हुआ है।
हम जिसके हुए वो हमें छोड़ कर सबका हुआ है।

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13 MAY 2021 AT 21:00

चहरे दिखते है बहुत पर होते वो नही जो दिखते है। यहां समान के साथ साथ " इश्क, भरोसा, और इंसान भी बिकते है।

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13 MAY 2021 AT 20:05

तड़प भी अक्सर रूह से इश्क करने वाले की होती है। जिस्म के सौदागर तो बस जिस्म देखते है। जीने जिसमे से हो इश्क जनाब वो कहा हाल मरीज का देखते है।

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12 MAY 2021 AT 21:46

सुना है आजकल हमारा खयाल करते हो। जनाब आप भी कभी कभी कमाल करते हो।

सुना है आप बैठे रहते है ताक में हमारी। सुना है हमारा इंतजार करते हो। जनाब आप भी कभी कभी कमाल करते हो।

सुना है आपको सोने देती नही यादें हमारी। सुना है रातों को नींदे बर्बाद करते हो। जनाब आप भी कभी कभी कमाल करते हो।

सुना हैं आपको रहा ना यकीन किसी पर। सुना है खुद से भी मलाल करते हो। जनाब आप भी कभी कभी कमाल करते हो।

सुना है जी पाओगे या नही आप हमारे बगैर। सुना है खुद से ये सवाल करते हो। जनाब आप भी कभी कभी कमाल करते हो।



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19 FEB 2021 AT 10:48

एक आरजू है। की आपसे प्यार करे।
जो आपसे प्यार ना करे तो इसके सिवा क्या करे।
अगर इश्क गुनाह है। और गुनाह की सजा आप हो।
तो यह गुनाह हम बार बार करे।
एक आरजू है। की आपसे प्यार करे।

मुझे जिस्म की नुमाइश नहीं, मेरी तेरे सिवा कोई खवाईश नहीं। मुझे चाहिए बस तू ही तू है। मेरी और कोई फरमाइश नहीं। हम ज़िन्दगी बना ले आपको। अगर आप ऐतबार करे।
एक आरजू है। की आपसे प्यार करे।

मैं लिखूं वो जो तू पड़ना चाहे, मैं बोलू वो जो तू सुनना चाहे, मैं दिखु वो जैसा तू देखना चाहे, मैं सुनूं वो जो तू बोलना चाहे। तू रखे कदम जिस जगह हम हर कदम को सजदा करे।
एक आरजू है। की आपसे प्यार करे।

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18 FEB 2021 AT 10:07

हम करते नहीं इनकार की उन्हें सताया नहीं हमने।
पर झूठ यह भी नहीं की उन्हें मनाया नहीं हमने।

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17 FEB 2021 AT 14:52

मर गया मैं ,मुझे ले गए शमशान जलाने के लिए। 

किसी दिल में ग़म तोह किसी में सकुन था। 


कम्बख़त सारा  शरीर जल गया। 

बस ये दिल न जला कियोंकि इसमें तू था। 


जलता रहा ये शरीर और लेता रहा तेरा नाम। 

कियोकि किराएदार हम थे इस शरीर के और 

मालिक तू था। 


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17 FEB 2021 AT 14:50

तू आया तो इस उदासी भरी ज़िंदगी में भी मुस्कान भर गयी थी।
तू गया तो यह ज़िंदगी शमसान बन गयी थी।
हर रोज मरता था थोड़ा थोड़ा।
तुझे क्या पता यह ज़िंदगी जीना मेरे लिए इम्तिहान बन गयी थी
अब छोड चला हूँ इस ज़िंदगी को खाली हाथ दिल में तेरी यादें लिए।
कहा बचना था इस पागल ने तू मरने का जो पूरा इंतज़ाम कर गयी थी।

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17 FEB 2021 AT 10:31

यूं तो इतना Batmeez हूं। की जिसे एक बार दिल से उतार दिया उसे द्वारा मुंह भी नहीं लगता।
बस एक तू ही कमबख्त ऐसा है। जिसे मैं चाह कर भी दिल से निकाल नहीं पाता।

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16 FEB 2021 AT 11:35

सबर हमे शिकायत है। तुझसे की तेरी दुनिया में हम क्यों नहीं। और जिसके पास तू है। उसके पास हम क्यों नहीं।

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