एक आरजू है। की आपसे प्यार करे।
जो आपसे प्यार ना करे तो इसके सिवा क्या करे।
अगर इश्क गुनाह है। और गुनाह की सजा आप हो।
तो यह गुनाह हम बार बार करे।
एक आरजू है। की आपसे प्यार करे।
मुझे जिस्म की नुमाइश नहीं, मेरी तेरे सिवा कोई खवाईश नहीं। मुझे चाहिए बस तू ही तू है। मेरी और कोई फरमाइश नहीं। हम ज़िन्दगी बना ले आपको। अगर आप ऐतबार करे।
एक आरजू है। की आपसे प्यार करे।
मैं लिखूं वो जो तू पड़ना चाहे, मैं बोलू वो जो तू सुनना चाहे, मैं दिखु वो जैसा तू देखना चाहे, मैं सुनूं वो जो तू बोलना चाहे। तू रखे कदम जिस जगह हम हर कदम को सजदा करे।
एक आरजू है। की आपसे प्यार करे।
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