Keshav Jha   (केशव)
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Joined 29 July 2019


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19 JAN 2023 AT 12:28

YQ के सफर में मैं बहुत ऐसे लोगों से मिला जो वाकई में लिखना चाहते हैं पढ़ना चाहते हैं और अपने जैसे लोगों से जुड़ना चाहते हैं और आज जब इस प्लेटफार्म के बारे में कुछ निश्चित नही है तो क्यों ना हम एक ग्रुप के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े और अपने इस सफर को निरंतरता दें।
जब हम कुछ लिखते हैं तो हमारी मानवीय चाहत होती है कि कोई ईमानदारी से उसे पढ़े ,उसका मूल्यांकन करे। वहीं एक दूसरे को पढ़ने से प्रेरणा भी मिलती है। तो क्यों नही इस सफर को जारी रखा जाए और एक ग्रुप का सृजन किया जाए।
आप सबकी क्या राय है?

PS:- जब से इस प्लेटफार्म के बंद होने की बात आई है तब से ज्यादा कुछ लिख नही पाया हूं।

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24 NOV 2022 AT 19:37

ना
मैं दाएं तरफ था
ना बाएं तरफ
सर्वथा मध्य में रहा
और शायद इसलिए
अनेकानेक आधार पे बंटे
समाज के दो धड़ों में मैं
हो गया -
बहिष्कृत।

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5 OCT 2022 AT 9:50

त्रेता के रावण को हर बार इसलिए जलाते हैं
ताकि इस कलयुग का रावण सर्वथा बचा रहे

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1 OCT 2022 AT 14:10

किसी मंजिल के हक़दार तो हम भी होंगे
न पहला आख़री सही, किसी के प्यार तो हम भी होंगे

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11 SEP 2022 AT 18:35

महफूज़ है तेरा वो इश्क अब भी इस दिल के कोने में
मैं आज भी तेरी गली से गुजरने के बहाने ढूंढ लाता हूं

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6 SEP 2022 AT 14:02

उसने मीलों की दूरियां देखी
हमने दिलों का फा़सला देखा
रिश्ते के टूटने का सबब ये था
उसने अपना देखा हमने अपना देखा

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28 AUG 2022 AT 17:32

जैसे तंग सड़क में फंस जाती है कार
और उसके बगल से निकल जाता है
मोटर-साइकल पे सवार आम आदमी।
मैं चाहता हूं-
कैपिटलिज़्म ऐसे ही कहीं फंस जाए
और
समाजवाद उसे बगल से पार कर ले।

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25 AUG 2022 AT 11:55

मलाल नही है अब के तूं छोड़ गया है मुझको
इत्मीनान है के ज़िक्र जब तेरा होगा मेरा होगा

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22 AUG 2022 AT 9:13

किसी ऐसे की तलाश में हूँ
जो मुझको खोज सके।

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17 AUG 2022 AT 12:14

थोड़ी निराशा थोड़ी सी आशा और बहुत सी थकान
यूं ही काटता है इक आम आदमी अपनी तमाम उम्र

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