माँ और मेरे बीच के रिश्ते को किसी औपचारिकता की आवश्यता नही ।
तू संबोधन ,उसके और मेरे लिए ,बंजर जमीन में अंकुर के जैसे है।
कच्चा हूँ पर टूटूंगा नही , क्योंकि मेरी माँ ने मुझे बनाया है।
सिखाया है सब ,तूने मुझे पर तुझ से अच्छा कहाँ कर पाता हूँ।
अब कहाँ , तेरी गौद में सर रख तेरे चाँद से चहरे को निहार पाता हूँ।
तेरे आँचल की वो खुशबू तेरी ममता का वो सागर, अब कहाँ हर पल महसूस कर पता हूँ।
कहाँ कर पाता हूँ , दाल में कम नमक की शिकायत और अब तो बात बात पे नाराज भी कहाँ हो पाता हूँ।
इसे शिकायत मत समझना माँ ,ये तो बस यादें हे जो कुछ वादों से हमेशा जुड़ा रखेंगी।
गुम सी हो गयी हो, माँ ,मेरे सपनो को पूरा करते करते
कच्चा हूँ पर टूटूंगा नही क्योंकि मेरी माँ ने मुझे बनाया है।
तेरा केशव माँ।-
मेरी खामोशी को तेरे लबो का सहारा मिल गया
कटी पतंग था में, मांझे ने अब मुझे पकड़ लिया
~केशव-
“अपने अरमान ज़िंदा रख,
अपनी उड़ान ज़िंदा रख |
पूजा पाठ होता ही रहेगा,
तू दिल में इंसान ज़िंदा रख|
मुश्किलें सदा तुझे रोकेंगी,
तू दिल में तूफ़ान ज़िंदा रख |
पराए महलों को देख जल मत,
तू खुद में सुल्तान है , वो सुल्तान ज़िंदा रख|”
- श्रीगुरुजी-
I'm a lonely road of broken dreams,
it's a boulevard that i'm searching for.
these stars are all so dim,
it's the moon that i'm searching for.
happiness is so angry at me,
it's life that i'm searching for.
there's a crowd around me at all the times,
it's a friend that i'm searching for.
my life is just like a path,
it's the destination that i'm searching for.
don't know what is it that i have lost,
maybe it's ME that i'm searching for.
- Anonymous-
हमें भी थोड़ा समय लगा, तुम्हारे तरीके सीखने में,
वरना कहां आता था हमे, दिखावा सच्ची दोस्ती में।-
शिकायतें रिश्तों की धड़कनों सी है,
थमने लगे तो, रिश्ते मरने लगते है।-
ना जाने क्यों दिखता है, हमे सब, जो वो बयान नही करते।
बुलाते तो है वो अब, मगर हिसाब चुकता करने के लिए।-
ना जाने जिंदगी कब नमक हो गयी,
हम उनकी की जिंदगी में तो है, पर
ना ज्यादा, ना कम, बस स्वादानुसार-
तुम चाहते तो हर दर्द बता देते हम, पर तुमने कोशिश ही कहां की,
अब सब लिख रहे है, दिल की दीवारों पर, मन करे तो आकर पढ़ लेना।
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