रुह बेचैन है तुझे अपना बनाने को,इंतजार करूंगा उस ज़हां में भी,तेरा साथ पाने को। - ख़िरमन
रुह बेचैन है तुझे अपना बनाने को,इंतजार करूंगा उस ज़हां में भी,तेरा साथ पाने को।
- ख़िरमन