इक शाम तेरे साथ गुजारूं,कुछ तुम कहो, कुछ मैं सुनाऊं।इश्क है क्या? क्या है इश्क ?आ, बैठ मैं तुझे बताऊं।के तरन्नुम की समझ न थी,अब ख़िरमन-ए-शायरी कहलाऊं। - ख़िरमन
इक शाम तेरे साथ गुजारूं,कुछ तुम कहो, कुछ मैं सुनाऊं।इश्क है क्या? क्या है इश्क ?आ, बैठ मैं तुझे बताऊं।के तरन्नुम की समझ न थी,अब ख़िरमन-ए-शायरी कहलाऊं।
- ख़िरमन