13 OCT 2019 AT 15:45

इक शाम तेरे साथ गुजारूं,
कुछ तुम कहो, कुछ मैं सुनाऊं।
इश्क है क्या? क्या है इश्क ?
आ, बैठ मैं तुझे बताऊं।
के तरन्नुम की समझ न थी,
अब ख़िरमन-ए-शायरी कहलाऊं।

- ख़िरमन