काश कोई ऐसी बीमारी आती, जो चेतना को खा जाती,न होता भेद कोई प्राणियों में, होते सुमार सब जानवरों में! -
काश कोई ऐसी बीमारी आती, जो चेतना को खा जाती,न होता भेद कोई प्राणियों में, होते सुमार सब जानवरों में!
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मानव श्रृष्टि का सबसे दुःखी और मूर्ख प्राणी है! -
मानव श्रृष्टि का सबसे दुःखी और मूर्ख प्राणी है!
चेतना का विकास मानव के लिएमहज़ एक श्राप ही है, यही नर्क है! -
चेतना का विकास मानव के लिएमहज़ एक श्राप ही है, यही नर्क है!
मुझे छोड़कर जाना ज़रूरी है क्या,रश्म-ए-रिवाज़ निभाना ज़रूरी है क्या?माना मैं निष्ठुर रहा हर वक्त तुझपर,एक गलती के लिए ज़िंदगी भर रुलाना ज़रूरी है क्या?पल-पल तड़पूंगा मैं तेरे बिना,अब इतनी सी बात भी बताना ज़रूरी है क्या? -
मुझे छोड़कर जाना ज़रूरी है क्या,रश्म-ए-रिवाज़ निभाना ज़रूरी है क्या?माना मैं निष्ठुर रहा हर वक्त तुझपर,एक गलती के लिए ज़िंदगी भर रुलाना ज़रूरी है क्या?पल-पल तड़पूंगा मैं तेरे बिना,अब इतनी सी बात भी बताना ज़रूरी है क्या?
क्यों गुलामियत की ज़ंजीर अपने बच्चों को पहनाएं,इससे बेहतर होगा की आप उन्हें यहां न लेकर आएं! -
क्यों गुलामियत की ज़ंजीर अपने बच्चों को पहनाएं,इससे बेहतर होगा की आप उन्हें यहां न लेकर आएं!
ज़ाहिर है, मूर्ख इंसानों ने ही भगवान गढ़े हैं,क्रिकेट की दुनियां में एक और भगवान होने को है! -
ज़ाहिर है, मूर्ख इंसानों ने ही भगवान गढ़े हैं,क्रिकेट की दुनियां में एक और भगवान होने को है!
केवल एक ही शब्द "ऊपरवाले",गुटों को आपस में जोड़ सकता है। -
केवल एक ही शब्द "ऊपरवाले",गुटों को आपस में जोड़ सकता है।
हंस रहा हूं मैं ख़ुद के बेबुनियादी दुखों पर। -
हंस रहा हूं मैं ख़ुद के बेबुनियादी दुखों पर।
लोगों के लिए मुद्दे बननातो बस चाल है हमारी,वक्त आने दो फिर बताएंगेवहज कमाल है हमारी। -
लोगों के लिए मुद्दे बननातो बस चाल है हमारी,वक्त आने दो फिर बताएंगेवहज कमाल है हमारी।
ज़िंदगी में सबसे ज्यादा काम आने वाली कला है "नाटक"। -
ज़िंदगी में सबसे ज्यादा काम आने वाली कला है "नाटक"।