Sonu
Naam to suna hi hoga
Saaf dil ka insaan , dosto ka laadla
Dost ise bhulenge mgr ye dosto ko kbhi nhi
Vyast rhu m apne pdhay ke chakkar me
Bss iss baat ki tasalli se ki
haal chaal puchne wala koi to hai
Mehanti me number one , ladkio ka crush
Sarva gun sampanna Sonu ko ,
HAPPY BIRTHDAY........-
तुमने पूछा कि माजरा क्या हैं
हम एक ही जवाब देते रहे कि
तुम मोहब्बत नहीं आदत हो मेरी ।।
यूंही ठहरे हम तुम्हारे इश्क की गलियों में
खुद को तसल्ली देते रहे कि
हमेशा तुम अमानत हो मेरी ।।-
तेरे संग
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छोटे से लम्हे भी अंजुमन का ऐहसास दिलाएं
साधारण फूसाहत भी अकमल शायरी लगे
हर एक लफ्ज़ भी ग़ज़ल की तरह सुनाई दे
मामुली मोहल्ला भी अजब सी सवारी लगने लगे ।।
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हां नज़र आते हो तुम ,
मोहल्ले के कोने में तो कभी चौकट पे दस्तक देते हुए
पड़ोसियों के छत पर तो कभी किताबो के पन्नों पर
डाकिया के चिट्ठियों के गुच्छों में तो कभी गली के पीले कॉलिंग
बुत पर , मंदिर के पीछे तो कभी गांव के टंकी के ऊपर
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The SWORD looks more beautiful and
attractive in the battlefield rather than
simply hanging on the wall in a closed room-
सैकड़ों सालों की मेहनत , करोड़ों कुरबानिया
आज़ादी की महफ़िल सजाने की जिज्ञासा
देश के गली गली चौकट पे आज़ादी का जश्न हाथ में तिरंगा ,
हर घर तिरंगा , आखों में चमक ,ज़ुबान पे आज़ादी के नारे
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बचपन में हम भी दोस्तों के साथ गुल्ली डंडा खेलते थे
और पेड़ वाला झूला झूलते थे पेड़ पे चढ़े नदी में नहाए, नाली में लोटे
क्या क्या खो गया जब से बचपन का दोस्त छूट गया ।।
दोस्तों का सहारा था , खुराफात से भरा दिल ये अवारा था
दिन रात मस्ती चलती थी क्यों कि दोस्तों की टोली बहुत भाती थी
दोस्तों के साथ सपने भी कितने कच्छे थे वही दिन कितने अच्छे थे ।।
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घर से दूर , अंजान शहर में चले हम
सपने पुरे करने के चक्कर में
कितने रातें भूखे बिताए हम ।।
मन में ख्वाब , हाथों में क़िताब
मां बाप के अरमान , एक मुट्ठी में जान
घर से दूर अंजान शहर चले हम ।।
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बड़ी शोर से भरा है वो गांव के घाट का किनारा
और उतनी ही शांति से बह रहीं हैं उस नदी की धारा
अगर पसंद आए मेरे गांव का गलियारा
तो आना ज़रूर दोबारा ।।
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