Kavya काव्या   (Kavya)
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काव्या
Joined 11 July 2020


काव्या
Joined 11 July 2020

सब मुसाफ़िर हैं यहाँ,
सफर कितना संग,
तय नहीं!

गर विश्वास पक्का हो,
फिर किसी का भय नहीं!

तू चल अकेला,
नेक बन!
उसको अपना,
एक बन!
तू स्वयं समर्थ शक्ति है,
जरूरत किसी का आश्रय नहीं!!

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सब मुसाफ़िर हैं यहाँ,
सफर कितना संग,
तय नहीं!

गर विश्वास पक्का हो,
फिर किसी का भय नहीं!

तू चल अकेला,
नेक बन!
उसको अपना,
एक बन!
तू स्वयं समर्थ शक्ति है,
जरूरत किसी का आश्रय नहीं!!

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17 APR 2023 AT 21:30

Our personality is the reflection of our own thoughts,...
So think carefully.... think wisely.....

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3 FEB 2023 AT 14:08

मन को साहस देती है,
आगे बढ़ते रहने का,
रगों में जोश भरती है।
एक छोटी सी उम्मीद,
जीवन चलायमान रखती है,
होठों पर हंसी औ,
हृदय में जज़्बा भरती है।

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2 FEB 2023 AT 10:02

गलती करो मगर,
स्वीकार करो,
इंसान हो, इंसान सा
व्यवहार करो।

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2 FEB 2023 AT 9:58

पतझड़ आया है,
वसन्त भी आएगा,
सब्र रख,
वक़्त है,
बदल जायेगा।

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20 MAR 2022 AT 0:21

प्रेमप्रिया, तू करुणा रूप,
वत्सल भी है, चंचल भी है,
आशा भरी निगाहें तेरी,
प्रेम को तरसती भी है।
क्या समय है आ गया,
तू वस्तु रूप है बनी,
त्यजित हुई, बेघर हुई,
जब उपयोगी न रही।
क्यूँ भूल बैठा मनुज ये,
तू ही कृष्ण की योगिनी है,
तू ही हरिप्रिया,
तू सर्व संकट हारिणी,
तू ही मोक्षदायिनी है।

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19 MAR 2022 AT 23:34

सोचती हूँ अक्सर,
तुम्हें यूँ इत्मीनान से देखकर,
कि, अनवरत चलता रहे,
हमारा ये प्रेममय सफर!

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3 JUL 2021 AT 23:26

यूँ चुप चाप, अंधेरों में रह रही,
कुछ राज अपने हमसे जाहिर तो कर।
कब तलक हम यूँ ही गम सुम तकते रहें तुझे,
लफ़्ज़ों से नहीं, तो इशारों में बतला,
ये उदास चाँद क्यूँ है भला, तारों की भीड़ में,
कि बस मैं औ तू हैं, इस खुले आसमान में।
ऐ रात तू मुझसे बातें तो कर,
तू दर्द साझा कर, हो के बेफिकर।।

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3 JUL 2021 AT 17:34

Memoir of life.....

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