_kavya_   (Kavya)
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Joined 11 March 2021


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28 JUL 2021 AT 16:19


जो बातें अधूरी हैं, कहना भी ज़रूरी है,

हां दूर रहना मजबूरी है, दिल लगना भी ज़रूरी है।

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27 JUL 2021 AT 14:16

नहीं संभालता ये इश्क़ अब, टूटकर बाहों में बिखरना ज़रूरी है,

तुम समेट लो बाहों में हमें, इश्क की यही दस्तूरी है।


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26 JUL 2021 AT 15:52

ये जो है हुक्म मेरे पास न आये कोई,
इसलिए रूठ रहे हैं कि मनाये कोई।

ताक में है निगाह-ए-शौक खुदा खैर करे,
सामने से मेरे बचता हुआ जाए कोई।

हाल अफ़लाक-ओ-ज़मीन का जो बताया भी तो क्या,
बात वो है जो तेरे दिल की बताये कोई।

आपने दाग़ को मुँह भी न लगाया अफसोस,
उसको रखता था कलेजे से लगाये कोई।

हो चुका ऐश का जलसा तो मुझे ख़त भेजा,
आप की तरह से मेहमान बुलाये कोई।

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24 JUL 2021 AT 18:03

आँख खोलू तो चेहरा मेरी माँ का हो..
आँख बंद हो तो सपना मेरा माँ का हो..
मैं मर भी जाऊ तो कोई गम नहीं, लेकिन..
गर कफन मिले तो दुपट्टा मेरी माँ का हो..

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6 JUL 2021 AT 11:29

मायूस चहेरे सब फिर खिलेंगे..
जब सारे दोस्त फिर मिलेंगे...

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5 JUL 2021 AT 18:26

अक्सर यूं हों जाता है..
सबका साथ देने वाला..
तन्हा रह जाता है..

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5 JUL 2021 AT 10:17

खोने के डर में तुझे अक्सर खुद में तलाशती हु..।।

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