तुम अपनी दुनिया में रहो,
वही सही
मुझे मेरी दुनिया ज़रा खुशनुमा पसंद है।।-
हां आज उन्हें बिन कहे ही समझ लेने देते हैं💕💝
D... read more
रहमत ए मुस्तफा
या खुदा कुछ ऐसा कर जाना,
उसके रूबरू होने पर
हालातों को कुछ पहले सा कर जाना।।-
हां बेशक...
बेहद इश्क़ था तुम्हारी मीठी बातों से
तभी तो शायद आज कड़वी सुनने के बाद भी
साथ थी।।-
When temper cools down...
We don't Rock!!
And when we get to know our worth...
We don't Shout!!-
चांद अल्फाजों की बात होती,
तो हां बेशक, बीच सफर
यूहीं रुकी ना होती।
तुम्हारी वफा की कहूं तो...
अब हवाओं की ज़िद पर,
कहानी को किस्सों में गुनगुना रही हूं।।-
आज फिर तुम मुझसे रूठकर,
जीत जाओ शायद।
पर मैं तुम्हें मनाकर ,
खुद से जीतना चाहूंगी।।
यूहीं इस दर्द में मुझे छोड़,
मंज़िल तक पहुंच जाओ शायद।
पर मैं तुम्हारा साथ देकर,
दुनिया से जीतना चाहूंगी।।-
सच कहूं तो तुम्हारी ये नजरें
बस राह भुला देती हैं।
चले थे इश्क की गलियों इंसाफ मांगने,
कायदे...... कानून.......
सबूत.......दलीलें........
सब परे रख,
और पहली मुलाकात आपसे ही हो गई।
-
फिर एक झूठ....
कहते हैं,
हादसे छाप छोड़ जाते हैं,
कुछ ऐसा ही हाल उसकी मोहब्बत का था।
उसने कुछ खास ध्यान न दिया पर,
जाते जाते वो को हाथ झटककर गए थे न
वो निशान आज भी बरकरार हैं।
-
बस इतनी सी उम्मीद।।
गर कमी हो कोई तो बस बता देना,
और गलती हो कोई तो बस समझा देना,
कैसे बताऊं तुम्हें की
क्या महसूस किया है तुम्हारे लिए
न थे तुम तो सिर्फ लवों से हंसती थी
और तुम्हारे साथ हूं तो माहोल भी खिलखिला उठता है।-