तुझपे निसार मेरी पलकों की छाँ
मुझे बुला तो सही मेरी राहत ऐ जाँ-
kavya
(Kavya)
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Muh ki kadvi or Dil ki khari hu
Jamana kahta h m bahut buri hu
Jamana kahta h m bahut buri hu
Joined 19 September 2019
5 JAN AT 23:22
मेरी हर हरकत के राजदार एक आप ही तो हैं।
बेवफ़ा इस दुनिया में वफादार एक आप ही तो हैं।-
5 JAN AT 23:03
ये क्या लहज़ा है ये तौर ऐ तरीका क्या है
तुमने हमसे मुहब्बत में अब तक सीखा क्या है
मियां मुकम्मल तो तुमसे हमें उम्मीद भी नही
फिर एतराज़ -ए- दर्द-ए-शक़ीक़ा क्या है-
21 JUN 2022 AT 0:43
कौन है जो एक साय की तरह
मेरे दिल को छूता हुआ जुजर जाता है
कभी पास से कभी दूर से
एक आवाज़ एक नग़्मा
एक गीत बन कर रग रग में उतर जाता है
कभी पास से कभी दूर से
कौन है जो मुझे अपनी तन्हाई का
एहसास दिला जाता है
एक खालीपन एक सूनापन छोड़ जाता है
मै उसे देखना चाहती हूँ जानना चाहती हूँ
उंगलियों से उसके चेहरे को छूना चाहती हूँ
कौन है जो पास राह कर भी मुझसे दूर है
क़दमों की आहाट सुनती हूँ पलटती हूँ
उसे देखती हूँ तस्वीर बन जाती हूँ
खुद को भूल जाती हूँ बेखुद हो जाती हूँ-