तमाम रिश्ते वहीं छोड़ आए हैं
प्यास की शिद्दत में नादान हम
भरा समंदर कहीं छोड़ आए हैं
दास्ताँ -ए -मोहब्बत मुकम्मल हो तो कैसे
जो साथ लाना था वो किस्सा वहीं छोड़ आएं हैं-
बस आजकल यही तो करते हैं हम।।
न कोई ग़ैर,न यार, न हमदम।
ख़ुद ब ख़ुद हर ज़ख़्म भरते हैं हम।।
रुखसार पे उदासियां और अबसार हैं नम।
हां ख़ुद के अक्स से कुछ यूं डरते हैं हम।।
न किसी अरमां न किसी जज़्बात में है दम।
कभी अश्कों के सिलसिले कभी खामखां हंसते हैं हम।।
न किसी के आने की खुशी न जाने का ग़म।
राहगिरों के जैसे सबसे मिलते हैं हम।।
न कोई खुशनुमा सफ़र न कोई राह है गुम।
न किसी मंजिल की जुस्तजू करते हैं हम।।
-
चल न यार! संग कहीं ले जाऊं।
बेख़ौफ़ सी हवा में सकूं-ए-ज़िन्दगी दिखाऊं।।
कोई हमदम है? या किसी राहगीर से मिलाऊं?
मंजिल की तलब या हसीं सफ़र की याद दिलाऊं?
कहो तो कांटे हटा दूं! और रुह का बाग़बां बन जाऊं?
कभी तिशनगी और कभी बे-मौसम बारिश बन जाऊं।-
किसी और की खातिर धड़कना किसे कहते हैं
कभी पत्थर तो कभी नादान बनना किसे कहते हैं
पूछो ज़रा दिल से
सफ़र-ए-इश्क़ में निखरना किसे कहते हैं
टुकड़ों में सरे-आम बिखरना किसे कहते हैं
-
नई कहानी मुझे अब सच्ची नही लगती
बचपन की उमर भी वो सच कहू तो
अब कच्ची नहीं लगती ।
सोचा था कि बेहतर होगी
पर सच कहूं तो ये दुनिया मुझे
अब अच्छी नहीं लगती
-
कोई दिन नहीं, कोई रात नहीं।
कोई मुकम्मल नहीं, कोई शुरुआत नहीं।
कोई गर्ज नहीं, कोई जज़्बात नहीं।
दरअसल अब पहले जैसी बात नहीं ।।
कोई जवाब नहीं तो कोई सवालात नहीं।
कोई हसरत नहीं, कोई ख़यालात नहीं।
कोई हकीकत नहीं और कोई करामात नहीं।
दरअसल अब पहले जैसी बात नहीं।।
-
भी आज हिसाब ओ किताब कि
कौन मुकद्दस इश्क़ में ये सब कर रहे हैं
और कौन महज़ रिवाजों से डर रहे हैं
कौन-कौन भूख से मशक्कत कर रहे हैं
और कौन किसी की सादगी पे मर रहे है-
आज बड़ी याद आई।।
रोशन-ए-चांद से दो बातें
गिनते तारों की लड़ी याद आई।।
वो खींचा-तानी, हम उम्र से शरारतें
बड़ों के क़िस्से,जादू की वो छड़ी याद आई।।
रेडियो संग मनपसंद नज़्में गाते
काग़ज़ ओ क़लम भी बड़ी याद आई।।
मां की सादगी भरी बातें
गोद में सोने की वो घड़ी याद आई
पापा के लतीफे और वो बूझारतें
देर रात में बादलों की वो झड़ी याद आई।।
सकूं से यूं लबरेज़ थी वो बातें
कि चश़्म को नींद बड़ी मुद्दत बाद आई
kavya Aneja ✍🏻
-
यूं तो देखा न चश़्म ने ख़ुदा को अब तक
मगर आगोश में मां की जन्नत का अहसास रहता है-