6 APR 2019 AT 20:37

ए वक्त अब बहुत,देर कर
दि तूने, दुखों का ऐसा सैलाब
उठा जिन्दगी में मेरे लगा कि
मानो भूचाल ही,आ गया है
है ईश्वर अब वक्त आ गया
है कि तेरा ये भक्त रूद्र , भावों
को ले तेरे समीप खड़ा
रहा, तूं क्यों है मौन खड़ा
कलयुग क्या इतना भारी
हों गया तूं लाचारी, अपने
सन्तान पर जब कोई संकट
आया तूने ब्रह्मांड में, भूचाल
है मचाया , माफ़ी तों तूने
असूरों को भी दी है , क्या
तेरा यह भक्त असूरों से
भी ज्यादा पापी है जो
तूं क्षमा करने , के लिए
इतना सोच रहा, बदल
अब वक्त हमारा नहीं
तो टूट जाएं न यह रिश्ता
हमारा।।

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