kavita upadhyay  
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मेरे जीवन का एक ही लक्ष्य है
जब तक जियो स्वाभिमान के
साथ ही जियो।💜💖
Joined 16 May 2021


मेरे जीवन का एक ही लक्ष्य है
जब तक जियो स्वाभिमान के
साथ ही जियो।💜💖
Joined 16 May 2021
9 FEB AT 23:45

तुम देखो!!
सावन मेरा भी एक आयेगा!!!!!

खिल उठेंगे बाग बगीचे,
जब नाच मयूरा दिखायेगा।
मेघा मेघा करता मयूरा,
बरखा को आवाज़ लगायेगा।।
सावन मेरा भी एक आयेगा!!!!!

जब रिमझिम सावन आयेगा,
कच्चे आँगन को महकायेगा।
सावन मास बहे पुरवईया,
सखियों का मन इठलायेगा।।
सावन मेरा भी एक आयेगा!!!!!

झूले पड़े होंगे पीपल पे,
वो गीत मल्हार सुनायेगा।
इन्द्रधनुष के रंगो में वो,
कई रंग प्यार के दिखायेगा।।
सावन मेरा भी एक आयेगा!!!!!

तुम देखो!!
सावन मेरा भी एक आयेगा!!!!!

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30 DEC 2023 AT 7:42

मुकद्दर मेरा भी कुछ बदल रहा है,
किस्से जिन्दगी के नए लिख रहा है।
क्या पता इस सफर में होंगी मुश्किलें,
या सफलता की सीढ़ी चढ़ रहा है।।

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17 SEP 2023 AT 9:08

घूँघट में दो नैन छिपाये,वो इक बन्द चिठ्ठी लगती है।
होठों से मन्द मन्द मुस्काये,गुलाब की पत्ती लगती है।।

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16 SEP 2023 AT 21:37

कल किस्मत बदलेगी,
ये सोच कर सो जाना तुम।
सूरज फिर से चमकेगा,
ये सोच फिर उठ जाना तुम।।

अब थोड़ी लम्बी दूरी है,
दो चार कदम बढ़ जाना तुम।
गम को छुपा कर आँखों में,
आँसू भी अपने पी जाना तुम।।

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1 AUG 2023 AT 19:13

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10 JUL 2023 AT 13:23

है शक्ति है प्रार्थना में।
शिव की अराधना में।

ना मूल मन्त्र ना जाप हो,
मेरे शिव कहें दिल में वास हो।

ना तेरी भावना में स्वार्थ हो,
जिससे जीवन का उद्धार हो।

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21 APR 2023 AT 23:07

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13 APR 2023 AT 14:23

नफ़रत भरे उजालों से तो,
रात अंधेरी अच्छी लगती है।
बिन बोले समझ जाए कोई,
वही बात अच्छी लगती है।।

कहीं खुशी जब से खोई है,
चेहरे पे मायूसी अच्छी लगती है।
अब नीम की ठण्डी छाँव नहीं,
मुझे तो धूप अच्छी लगती है।।

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6 APR 2023 AT 11:03

इस झूठ फरेब की दुनियाँ में,
मुझे भरपूर मिले संस्कार।

माँ की ममता क्या खूब मिली,
मुझे मिला पिता का प्यार।

अब उम्मीदों की शरण मिली है,
मुझे अटूट मिला विश्वास।

किस्मत ऐसे खेल खेल गयी,
मुझे नसीहत दे गई हजार।

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23 JAN 2023 AT 14:42

अजनबियों के शहर पुराने,
हम कर्ज चुकाने आये हैं।।

भूले भटके मुसाफिरों को,
भूले भटके मुसाफिरों को,
हम राह दिखाने आये हैं।

अजनबियों के शहर पुराने,
हम कर्ज चुकाने आये हैं।।

कुछ अधूरे से सवालों के,
कुछ अधूरे से सवालों के,
हम जवाब ढूँढने आये हैं।

अजनबियों के शहर पुराने,
हम कर्ज चुकाने आये हैं।।

तुम अकेले हो गए हो तो,
तुम अकेले हो गए हो तो,
हम साथ निभाने आये हैं।।

अजनबियों के शहर पुराने,
हम कर्ज चुकाने आये हैं।।

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