अजनबियों के शहर पुराने,
हम कर्ज चुकाने आये हैं।।
भूले भटके मुसाफिरों को,
भूले भटके मुसाफिरों को,
हम राह दिखाने आये हैं।
अजनबियों के शहर पुराने,
हम कर्ज चुकाने आये हैं।।
कुछ अधूरे से सवालों के,
कुछ अधूरे से सवालों के,
हम जवाब ढूँढने आये हैं।
अजनबियों के शहर पुराने,
हम कर्ज चुकाने आये हैं।।
तुम अकेले हो गए हो तो,
तुम अकेले हो गए हो तो,
हम साथ निभाने आये हैं।।
अजनबियों के शहर पुराने,
हम कर्ज चुकाने आये हैं।।
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