कुछ वो भूले, कुछ हमें याद रहा,
एक किस्सा मेरे दिल के पास रहा।
कुछ कलियाँ टूटीं, कुछ बिखर गयीं,
एक फूल कीचड़ में भी खिलता रहा।
कुछ लम्हे खुशी के, कुछ हुए गम के,
हर लम्हा अपना हमको याद रहा।
कुछ कहानी अधूरी, कुछ पूरी हुयीं।
एक वक्त गुजर गया एक आ रहा।-
जब तक जियो स्वाभिमान के
साथ ही जियो।💜💖
उसे छुप छुपकर मैं देखूँ,
देखना अच्छा लगता है।
उसकी बातों का लहजा,
बड़ा नटखट सा लगता है।
वो देखन में थोड़ा साँवला,
साँवला अच्छा लगता है।
वो है मेरे सपनों का राजा,
तो सपना अच्छा लगता है।-
दिन कहाँ ढूँढे वो पहले वाले,
मिलकर रहते थे जब घरवाले।।
पंछियों से सब पहले उठते,
सभी नीम की दाँतुन करते।
सरसों का साग संग गुड़ की डेली,
खाने को रोटियाँ चूल्हे की मिलतीं।
खेल कहाँ गए वो बचपन वाले,
गिल्ली डंडे और सत्तोली वाले।
दादू की खटिया बाखर में बिछती,
कहानियाँ सब जीवन से जुड़ती।
आसमान के हम नीचे सोते,
तारों वाली एक चादर ओढ़े।
दिन कहाँ ढूँढे वो पहले वाले,
मिलकर रहते थे जब घरवाले।।-
कितना कितना किसे समझाया जाए,
कि जिन्दगी हमारे हिसाब से हो जाए।
मुश्किलें तो आती जाती रहेंगी राहों में,
क्यों न हर पल मुस्कुरा कर बिताया जाए।।-
धड़कनों को सुनते सुनते सो जाना,
रात किसी के ख्वाबों में खो जाना।
आसान नहीं है कारवां जिन्दगी का,
गम के आँसू पी कर मुस्कुरा पाना।।-
आज फिर एक नई सुबह होगी,
नई होंगी मुश्किलें।
आज फिर एक नई जंग होगी,
नये होगें रास्ते।।
मैंने जिन्दगी को बहुत करीब से,
करवटें लेते देखा है।
मैंने एक झटके में ही सब कुछ,
बदलते हुए देखा है।।
जाने कितनों ने बदल दिए होंगे,
फैसले अपने कई।
ना जाने कितनों ने लिख दिए होंगे,
किताबों में किस्से वही।।-
चन्दा छुप मत छुप मत,
रातें काली काली हैं।
नींद मुझे आती ना अब,
यादें बड़ी सताती हैं।।-
मेरी भी कोई मुझसे पूछे,
दिल की बातें दिल से सोचे।
मैंने जिसको मेरा लिखा,
हथेलियों में ना उसकी रेखा।-
आज अकेले में बैठे तो,
उसकी याद आ गयी।
पहले सोचा फिर रोये,
आँसुओं की बाढ़ आ गयी।
घुटन होने लगी अन्दर-अन्दर,
बातें दिल से बहार आ गयीं।
यादें इतनी ज्यादा थीं कि,
देखते-देखते शाम आ गयी।-
वो ढूँढ़ता है खुद को मेरी बातों में,
जिसको छिपा रखा मैंने आँखों में।
आँखें तो उसकी भी नशीली कम नहीं,
जिसके संग जिन्दगी है मेरे इरादों में।।-