बस अब चुप सी रहती हूँ मैं,
ज्यादा किसी से बातें नही करती।
अपने दिल के हालातों को अब किसी से बंया नही करती दर्द महफूज है दिल के किसी कोने मे मेरे,
अपने दर्द की तकलीफ़ को अब किसी पे जाया नही करती।
बस अब चुप सी रहती हूँ मैं,
ज्यादा किसी से बातें नही करती।
गैरो से ज्यादा यहाँ मैनें अपनो से ही चोट खायी है,
जिनके लिए खुद को समझाया उनको ही कहाँ समझ आयी मैं।
अब खो सी गयी हूँ मैं कही खुद में ही,
अब आस कही ना मैंने लगायी है।
बस अब चुप सी रहती हूँ मैं,
ज्यादा किसी से बातें नही करती।
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हँस कर औरौ को हँसा कर बस जिये जाओ...
ये सर्दी की पहली "Barish".......
Wo "मैं" ओर बस Chai.......
बस ये ही तो "Sukoon" है मेरा....
❤️❤️-
बंद है कमरों में आज भी उजालों में उदासियाँ,
अंधेरों में तो बस दर्द की सिसकियां मुस्कुराती है!-
Sab Kehte Hai Fir Se Kar Lo Mahobbat....
Ki Sab Kehte Hai Fir Se Kar Lo Mahobbat...
Ab Koi To Unhe Samjhaye.....
Ab Koi To Unhe Samjhaye.....
Bhala Dusri Barish Se Mitti Mehki Hai Kabhi....-
हालात के हवालात में कैद हूँ,
वरना ये छोटा सा आसमां हम भी नाप लेते।
मजबूरियों की जंजीरों ने अगर जकड़ा ना होता,
तो अपने सपनो की उड़ान को हम भी मुकाम देते।।
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बड़ी ही अजीब सी चल रही है, मेरी ये ज़िन्दगी!!!
ना बीत रही है, ना ही कट रही है।
और ना ही भूत बनकर भटक रही है।
😂😂-
Duniya Tumhe Bhagna Sikhaegi...
Tum Bas Thaherna Sikhna...
Duniya Tumhe Har Baat Par Samjhayegi...
Tum Bas Nasamjh Rehna...
Duniya Tumhe Har Baat Par Thokar Dikhayegi...
Tum Bas Umeed Mat Chodna...
Ye Duniya Hai Kuch To Kahegi Kuch To Sunayegi...
Har Waqt Har Baar Apne Kai Rang Dikhayegi...
Par Tum Bas Tum Hi Rehna...
Apne Hi Rang Mein Khud Ko Samete Rakhna...
Aur Bas Muskurate Rehna..😊
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तब ही तो हर मुश्किल से लड़ रहे है
अगर कमजोर होते,
तो हम भी उस लाचारी के फंदे पर,
लटके मिलते।-
लग जाती है नजर हमेशा मेरी खुशियों को,
काले टीके को भी अब काले धागे की जरुरत है।-
बड़ी अजीब से कश्मकश में है ये जिन्दगी,
आँखो में दर्द और,
होठों पर बड़ी सी मुसकुराहट लेकर बस चल रही है...!!!
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