Kavita Sharrma   (Kavita Sharrma)
747 Followers · 90 Following

Joined 4 October 2019


Joined 4 October 2019
AN HOUR AGO

एक राजा था ,बड़ा ही अहंकारी और निर्दयी। प्रजा पर
अकारण ही कोई न कोई ज़ुल्म ढाता। एक बार एक किसान
ने अनाज उसके महल तक पहुंचाने में थोड़ा विलंब कर दिया। राजा आग बबूला हो उठा और किसान पर दंड स्वरूप कोड़े बरसाए।
कुछ दिन बाद राजा का एकमात्र पुत्र घुड़सवारी करते हुए गिर गया।बांह की हड्डी टूट गई।राज वैद्य के साथ साथ और वैद्य आए पर उपचार न हो सका। राजकुमार का रो रो कर बुरा हाल। तब वैद्य के सुझाव पर उसे किसान के पास ले जाने के लिए कहा। राजा किसान के घर पहुंचा तो हैरानी के साथ बहुत शर्मिन्दा हो गया। ये वही किसान था जिसके साथ राजा
ने निर्दयता पूर्ण व्यवहार किया था।‌ किसान ने इसके विपरित
बालक का उपचार किया क्योंकि इस कला में वो माहिर था।
आज राजा को अपने अहंकार पर बड़ा अफसोस हुआ, उसने सबके सामने किसान से क्षमा मांगी प्रजा के प्रति अपना व्यवहार भी बदल दिया।।

-


AN HOUR AGO

आई है तब
जब समेट कर
लिखे गए
एहतियात से सारे शब्द

-


2 HOURS AGO

हमने भी माना मोहब्बत है तुमको भी हमसे।

-


8 HOURS AGO

बीते वक्त के सुनहरे पलों को याद करते हैं
छोटी छोटी बातों में बड़ी खुशियां पाईं
यादों की इक ख़ास कड़ी बनाई
जब भी दिल उदास होता है
यादों का वो झरोखा खुलता है
मुस्कान होंठों पर आ जाती है
फिर उन पलों की याद जगा जाती है

-


20 HOURS AGO

काग़ज़ महज़ इक सफेद टुकड़ा नहीं
किसी रचनाकार की भावनाएं हैं
समेट कर जिसे उसने सहजता से
क़लम के जरिए काग़ज़ पर उतार दिया

-


22 HOURS AGO

अबस तू गुहार लगाता रह अन्याय के खिलाफ
पैसे वालों की अदालत यहां लगती है।

-


YESTERDAY AT 15:24

चांद एक तारे अनेक
एक चांद ही काफ़ी है
अनगिनत तारों में

-


YESTERDAY AT 13:52

खुद की पहचान कर
झूठ दो दिन ही चलता है
सत्य सदा विजयी होता है
सत्य पर विश्वास रख।

-


5 MAY AT 19:34

जिंदगी में आना जाना मुसलसल ज़ारी रहता है
तफ़रीक़ का दौर आए तो मुसाफ़िर चलाचल।

-


5 MAY AT 17:31

सब्र का घूंट पी जाना




इम्तेहान लेती ही है

-


Fetching Kavita Sharrma Quotes