जिंदा रखे रहिये कुछ जिंदादिली इस दिल में
बेजान लाश बने रहने से मौत जल्दी नहीं आ जाती !
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बेज़ार मोहब्बत!
अज़ाब मोहब्बत!
सब छलनी कर दे
वो तेज़ाब मोहब्बत!
हर कुछ छिप जाता है जिस जंहा में,
वहां जो
छिप न सके
वो सार मोहब्बत!
सच हैं दुनिया की बातें..
हैं सबसे
बेकार मोहब्बत!
फिर भी दुनिया है जिसमें बर्बाद..
वो है
हर बार मोहब्बत!-
ये धंसी धंसी आंखें,
ये मुरझाया सा चेहरा।
कहा तो था तुझे..
जो है बचा
तू वो भी गवाएंगा।
मत पड़ इस बेज़ार मोहब्बत में
बर्बाद हो जायेगा!
न रोने की हिम्मत होगी
न मुस्कुराने को जी चाहेगा।
वो पलट कर देखेगी भी न तुझे
और तू उसके खयालों में
दुनिया से बेखबर हो जायेगा।
कहा तो था तुझे..
मत पड़ इस बेज़ार मोहब्बत में
बर्बाद हो जायेगा!
न रहेगा तू किसी काम का
न कोई काम तुझे रास आयेगा
दुनिया हंसने लगेगी कह कह कर निकम्मा तुझे
और तुझ पर कोई असर न आयेगा।
कहा तो था तुझे..
मत पड़ इस बेज़ार मोहब्बत में
बर्बाद हो जायेगा!-
मुझे डर लगता है तुमसे मिलने में
मुझे देख
तुम्हारी आंखें चीखने लगतीं हैं हसरतों सें-
हर दफा खुद को खो देती हूँ मैं
हर दफा खुद को तलाशना पड़ता है मुझे-
जरुरी नहीं लेखक की परसनालिटी उसकी लेखनी से मैच करे
एक लेखक अच्छा लिखकर भी बुरा हो सकता है
और बुरा लिखकर भी अच्छा।
लेकिन यह बात सब नहीं समझ सकते
यह सिर्फ़ लेखक समझता है-
इतनी प्यारी प्यारी लड़कीयों को
इतना ग़मगीन कैसे कर देते हैं लोग
कि जिस्म से ग़म को निकाल भी लें वो
तो ग़म नहीं निकलता फिर उनकी रूह से-
दिल निकाल कर फेंक देने को जी चाह रहा है।
इतनी भी भला कोई सितम करता है?
वो जानता तो है
मैं चाहती हूँ उसे।
फिर क्यों नहीं
सब ठीक करने की
वो कोई जतन करता है ?
मैं कहती हूँ चले जाओ तो रुकता नहीं वो
मान जाता है।
सही कहते हैं सभी,
वो जो करता है सब इरादतन करता है।-