kavita pandey   (©कविता)
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Joined 28 October 2017


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Joined 28 October 2017
7 JUN 2021 AT 14:11

जब भी कभी मुझे ऐसा लगता है कि मेरे जीवन में कितने कष्ट है ये करना है वो करना है मुझसे कैसे होगा एक चिड़चिड़ापन रहता है कि मैं ही क्यों ?

तभी मुझे अपने आस पास ऐसी घटनाएं सुनने को मिलती है कि मैं अवाक रह जाती हूं अपने जीवन को लेकर कृतज्ञ महसूस करने लगती हूं कि मेरा संघर्ष तो बस इतना सा है। मुझे अपनी हर परेशानी हर तकलीफ एक छोटी सी घटना लगने लगती है उन सभी घटनाओं के महज शून्य के बराबर की जो मेरे आस पास घट रही होती है।

जिंदगी बहुत अजीब है ये किसी को नहीं बक्क्ष्ती
सबके अपने संघर्ष है सबकी अपनी पीड़ा है
मात्रा के दृष्टिकोण का अंतर भर है
अतः जीवन के संघर्षों में अपनी प्रसन्नता
का संतुलन बनाना ही एकमात्र उपाय है
सुकून का...

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5 MAY 2021 AT 15:11

In These tough times, one thing I want to say keep in touch with people may be you're not aware of what kind of suffering they are going through.This is one of the biggest crisis we had gone through ever, this is not appropriate time to make distances.

Call or text the people you know may be they need YOU! may be they need your mental support.Trust me Your single word can help someone, Sometimes our few words works magically.

So Please STAY AT HOME but connect to the people.Cherish your loved one's and others.Don't feel helpless do something!! There are several people waiting for our help.
Make sure you're doing your best to help someone.Make sure no one feel alone atleast if they know you.Stand with people Support People Help people.We will overcome this crisis soon.My Good wishes for all of us🤝🙏

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23 AUG 2020 AT 13:54


चांदनी की चंचल मनलुभावन किरणों से बात होती है
सुनो! मेरी तुमसे यूं मुलाकात होती है।

सागरीय लहरें तुम्हारी परछाई को यूं समेट लेती है
तुम्हे छूने की चाहत जैसे बेशुमार होती है।

तुम्हारे उजाले से रोशन काली अंधियारी रातें
तुम्हारे बिना मानो बेकरार होती है।

तुमसे मिलना मानो कायनात की भी ख्वाहिश हों
ख़ूबसूरत छटा से गुफ्तगू बार बार होती है।

चांदनी की चंचल मनलुभावन किरणों से बात होती है
सुनो मेरी तुमसे यूं मुलाकात होती है।

©कविता








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22 JUL 2020 AT 1:12

यूं ही हंसते हंसते आंखे नम हो गई मेरी
तुमने भीगीं पलकों से याद किया क्या

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22 JUL 2020 AT 1:03

Give us reason to
smile atleast for a
Moment!

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5 JUN 2020 AT 19:44

कोई पूछ ही ले ये मायूसी कैसी
तो मुस्कुरा के टाल देना।

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5 JUN 2020 AT 19:31

I feel the fragrance earlier but when you suddenly came and put your fingers on my eyes, yes I well know it is you but for the sake of your happiness i tried to guess n we were laughing out load seeing each other n holding hands.



I'm feeling You but Fragrance is missing you're not here, missing every moment we spend together specially evenings we share in that bench holding each other.

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5 JUN 2020 AT 19:05

गुलाबी आसमां के तले
हरी हरी डाली पर ओस की बूंदे
गांव की सोंधी सोंधी मिट्टी से
कर रही धरा को है गीला
ख़ुशबू ए मिट्टी से मदहोश हुआ
मैं निकल पड़ा हूं
गांव को जीने..

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23 APR 2020 AT 19:35

समंदर से गहरे दिल में
आ जाए जो सफ़ीना जैसे
ऐसे किसी की तफ़्सील
कहीं हो तो
ज़िक्र हमसे भी करना।

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23 APR 2020 AT 13:47

मुझे हमेशा नई आबोहवा से सराबोर करती है
परत दर परत खुलती हुई
अपने हर बदलते एहसासों से रुबरु कराती है
विनम्रता और धैर्य के साथ
मुझसे अपने सारे सुख-दुख साझा करती है
बड़ी ही संवेदना से
मुस्कराते हुए अपने गमों का इजहार करती है

मै सोचने को मजबूर हो जाती हूं और ये
भीगी पलकें लिए अपने में सब समेट लेती है
मै निराश जब भी होती हूं
मुझे नए सिरे से जीवन जीने का सलीका सिखाती है

ये मेरी किताबें मुझसे बातें करती है
अपनी सुनाती है और मेरी कह जाती है..!

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