जल ही जीवन है
सुनते आए हैं हम
पर इन दिनों प्रदूषण और
गंदगी का चहुंओर परचम
कैसे बचेंगी नदिया प्यारी
कैसे बचेंगे ताल तलैय्या
कैसे करेंगे सुन्दर झीलों में
हम नव किसलय ता-ता थैया
गंगा जमुना या हो गोमती
सब जल की रानियां हैं रोती
मत डालो हममे गन्दगी का अंबार
न करो दुरुपयोग और भण्डार
कैसे बचाओगे पर्यावरण
यदि नही बचेगी ओजोन आवरण
थामो प्लास्टिक के प्रयोग को
समझो वृक्षारोपण के उपयोग को
मत डालो नदियों में नाले
कारखानों के दूषित जल काले
मत कर मानव जल का दुरुपयोग
स्वस्थ जल पीने से होगा तू निरोग
यदि अभी से ये प्रवृत्ति नही अपनाओगे
तो भला जीवित ही तुम सब कैसे रह पाओगे
अभी वक्त है जाओ चेत
अपनाओ कुछ बुद्धि विवेक- Kavita
10 JUN 2019 AT 15:41