कौन कहता है कि वो सुनता नहीं ,
मैंने ख्वाहिश को मुकम्मल होते देखा है ,
हाँ मैंने अपने ख़्वाब को जी कर देखा है...-
वो अपने हर काम को पूरी निष्ठा से करती है
हर दिन बिना किसी बेईमानी के,
बिना किसी फरियाद के,
समझ कर अपना फ़र्ज़,
जैसे हो उस पर कोई क़र्ज़,
बिना किसी वेतन के,
नहीं वो कोई समाज सेवक नहीं,
ना ही कोई पूजक है,
वह एक गृहणी है,
जिसके काम और किरदार को आजकल
नकारा जा रहा है,
वो फिर भी तत्पर और क्रियाशील है...-
त्रेता में एक पुत्र श्रवण कुमार था...
और अब कलयुग में ,
आज की संतान है या संताप (श्राप) है,
जिनके लिए सबसे पहले आप है
फिर माई-बाप है ...-
जीना/ जिंदा रहना भी तो जरूरी है ,
आराम का जीवन जीने के लिए...
उन सपनों , उस मेहनत के फल को जीने के लिए ,
जिसके लिए आज को कुर्बान कर रहे हैं,
जीने की आस का रहना भी तो जरूरी है,
खुद पे किए उस विश्वास का रहना भी तो जरूरी है ,
अपनी और अपनों की उम्मीदों के एहसास का रहना भी तो जरूरी है...
कि ख़ुशी और सुकून होगा अंतर्मन में उस स्थिति को पाने के बाद ,
बन सके वो इंसान ये प्रयास भी तो जरूरी है...
जीना भी तो जरूरी है,
आराम से जीने के लिए ....-2
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अब मन नहीं लग रहा
क्योंकि वो छूटता लग रहा है
जो कभी खुद का था ही नहीं,
शायद उम्मीद थी कि
कभी खुद का बना लेंगे...-
"सारा दिन घर में ही रहती हो ,
ये... करना सीख लो ,
वो... ही कर देती ,
...इतना भी नही हुआ तुमसे ,
... मैं बाहर इतना busy रहता हूँ ,भूल जाता हूँ,
तुम तो सारा दिन घर पर ही होती हो, याद ही करवा दिया करो...",
अपनी पत्नी, अपनी माँ को
न जाने कितनी बार यूँ ही
ये बातें बोल देते हो (तुम) ,
बिना ये सोचे कि उन्हें कैसा लगा होगा सुन कर ...
क्या ही value है उनकी और उनके काम की
तुम्हारी नज़रों में...
Just because she is not earning, it doesn't mean that she is not doing any work or the work she is doing is useless or is not worth accepting
Or it doesn't take time to do ...
Respect in the family should not be measured by Money.
Love & Care must be respected.
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