वही झूठ अक्सर सच से बड़ा हुआ करता है
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एक राह हूँ
एक मंजिल हूँ
एक ख्वाब हूँ
एक तामीर हूँ
एक सुबह हूँ
एक शाम हूँ-
तुम अंग्रेजी के पहले अक्षर से
मैं हिंदी के पहले हर्फ़ सी
तुम सुबह की पहली नियामत से
मैं शाम के सुर्ख़ उजाले सी-
तुम से बात करना कविता सा लगता है
तुमसे मिलना ग़ज़ल सा
तेरा साथ इनायत सा लगता है
तुम्हारा होना अज़ल सा-
कमाल की इस दुनिया में
कमाल की सोच रखते हैं लोग
आधी अधूरी जानी पहचानी सी
बा-कमाल रखते हैं लोग-
जो तुझ तक जाती है
वह सड़क बनना है मुझे
जो तुझे महका जाये
वह धड़क बनना है मुझे-
वही मुसाहिब है मेरा
वही जर्र-ए- राह भी
वही वाकिफ है मुझ से
वही अनजान भी
वही परवाज़ है मेरा
वही आगाज भी ।।-
आज किसी से पूछा मैंने
असली खुशी किसे कहते हैं
क्या मिले हो कभी उस से
उसने कहा
जी में प्राण तन में जान
हम में मान, जग में सम्मान
माँ बाप का साथ, भाई बहन का प्यार
कोई प्यार करने वाले का हाथ
खाने को दो रोज की कोर
पीने को दो घूंट पानी
आँखों में नमी ज़िंदगी की रवानी
यही असली खुशी है जनाब
यही असली खुशी है जनाब-
जहां मोह अज्ञेय होता है
वहाँ प्यार कहाँ हुआ करता है
जहां भावनाओं का भाव नहीं होता
वहाँ रिश्ता बेमतलब हुआ करता है
जहां रह के भी बसेरा ना लगे
वहाँ घर मकान हुआ करता है।।-