प्रेम एक भ्रम है....
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मैं नही करता मीमांसा तुम्हारे और मेरे संबंध की
प्रेम "अक्षुण्ण" है
उसे नही है दरकार संबंध की
मैं नही हूँ कोई दार्शनिक
जो देह की
आत्मा की
व्याख्या कर दूँ
और सिद्ध कर दूँ प्रेम का अमरत्व
मगर,
सुनो प्रिय, तुम्हारे हृदय की व्याकुलता
मेरे हृदय में टीस भर देती है
और तुम्हारे चित्त की प्रसन्नता
मुझे आनन्दित कर जाती है
मेरे लिये ,
प्रेम इसी टीस और आनन्द के अनुभव का पर्याय है...-
कोई नियम नहीं होता
आकर्षण का
बस बंध जाता है बंधन
सब बंधनों को तोड़
"प्रेम विचित्र है"
बांध भी लेता है और
मुक्ति भी दे देता है.....-
अपने प्रेम को मेरी कमजोरी ना बनने दो
ना मेरे प्रेम को अपनी कमजोरी बनाओ
मत रोको मेरे विचार प्रवाह को
ना ही अपने विचारों पर मुझे हावी होने दो
मत चाहो कि मैं तुम्हारे लिए सजी धजी रहूं
ना ही मेरे लिये कोई महंगा इत्र लगाओ...
मुझे स्वीकारो .. मुझे चाहो
उस रूप में.. जैसी मैं हूँ
खुद भी वही बने रहो जो तुम हो..💕-
उसका चुंबन
मेरे माथे पर
चाहत नहीं है
है ये इबादत
दोनों आंखों
को बंद करके
सबने कलमा पढ़ा
हमने पढ़ ली मुहब्बत
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जब नील गगन की बाहों में
वो शाम का सूरज ढलता है
तब सिंदूरी से उन रंगों में
तेरे प्यार का रंग दमकता है
देखो तब उस एक पल में
अफ़साने कई बन जाते हैं
तेरे मेरे दिल की धड़कन से
संगीत के स्वर बन जाते हैं
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गरीब की मौत बड़ा हादसा है या उसका जीवन
या फिर पूरा तंत्र ही एक हादसा
यहाँ वहाँ बिखरी हैं
बीमारी, गैस लीक, ट्रेन से कटकर होने वाली मौत
नहीं! मौत नहीं मृतकों की संख्या
जब मौत, मौत ना रहकर, आंकड़े बन जाए
तब यही कहा जा सकता है
"आदमी होना ही है सबसे बड़ा हादसा"-
चाँद पूरा है आसमान में
ख्वाहिशें अधूरी हैं मगर..
हम जी रहे हैं तुम बिन
ये जिंदगी अधूरी है मगर..-
बात करने का सलीका ना आया हमें
उनसे मुहब्बत है ये कहना ना आया हमें...-