कुछ ऐसा ले कि अबके हिसाब लिख दूं,
खुद को मायकश तुझको शराब लिख दूं!
तुझे लिख दूं चलती फिरती ग़ज़ल कोई,
खुद को कोई शायर खराब लिख दूं!
लिख दूं तूझे कोई तहजीब-ए - लखनऊ,
फ़िर खुद को वहाँ का नवाब लिख दूं!
मोहब्बत क्या है ये सवाल था मुझसे,
तुझको लिखकर सारे जवाब लिख दूं!
यूं लिखने में मुझको सौ आलस मेरी जाँ,
बात तेरी हो तो आ फिर किताब लिख दूं! — % &
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