Kavi Kant   (KaviKant)
206 Followers · 19 Following

read more
Joined 16 March 2019


read more
Joined 16 March 2019
20 JUN AT 22:10

माँ
तो माँ
है माँ की
ममता औरों में कहाँ है
छोड़ देते हैं वो जो हज़ारोँ
ख्वाब भी जिनकी पहचान में
छूपी हुई एक असीम जहाँ है

-


12 JUN AT 23:47

काम केहू न करी,
बस गिनावे का,
मुँह जबानी बा

-


12 JUN AT 23:12

काँटें हैं तभी,
मंज़िलों का मज़ा है,
वर्ना खाली, ज़िन्दगी जीना भी
एक सज़ा है

-


12 JUN AT 23:09

परिस्थितियाँ कठिन भी तो,
ज़िन्दगी ही ले आती है

-


12 JUN AT 23:07

फिर सूरज और निकलता है,
एक शोर जरा सा तेरा है,
बस शोर में न छोर झलकता है

-


7 JUN AT 22:39

स्वयं से प्रश्न करते हो!!
तो अच्छा है,
नई एक राज़ के हैं दरमियाँ,
कुछ लोग,
शायद वो कहीँ,
छुपते नहीं,
जो आस भर के ,
प्रेम की एक नीति का,

-


7 JUN AT 22:36

सिवा
मेरी आदतों के,

-


7 JUN AT 22:35

कि,
बातें होनी भी हैं

छुपनी भी

-


27 APR AT 1:18

कान्हा!! तुझ संग प्रीत बड़ी है,
तू है तो ये आस जुड़ी है,
मेरे मोहन!
मेरे माधव!
श्यामा के संग नित्य विहारी,
आ बस जाओ इन नयनन में,
दिखला दो,छवि वही दुलारी
जिसको पा पा के सब तर गए..

-


12 FEB AT 8:55

और मैं कोई गैर नहीं
स्वयँ तुम्हारा मन हूँ

-


Fetching Kavi Kant Quotes