कुछ देर रो लेने से
नींद अच्छी आती है ,
सुकून के भी अपने
बदमिजाज हैं ।-
कोसिके याद दिलाने के बाद
कीसिकी याद आने तक ;
इतना हक भुला देने का
सबको होना चाहिए ।-
आपसे उम्मीदें हैं बहुत उम्मीदें हैं
मगर ऎसी बात तो नहीं ,
शर्म करूं अपनी सवाल पर
हौसला दूं फिर ज़बाब पर
छोड़ो जीना तुम अब
तुम अब किसी काम के नहीं ।-
मोहब्बत में घर ,
चारों दीवारें लगती है
बेरोजगारी में हर एक इटे
की कीमत दिखती है l-
हर सबब इन रास्तों पे
हम बिना दवाई के शोए है ।
बेहतर है कि आप जान लो
दुआएं भी अब हकदार के हैं ।
सलामत है वो ख्वाब मुझमें
अब कुछ बाजारू नहीं है ।
आवाज़ एक आगे से आई बस
पीछे रहे पैरों के निशान है
और कुछ नहीं ।
कमरा उजड़ा हुआ है मेरा
घर सलामत रहे और कुछ नहीं ।
कोई शोउक नहीं मेरा होने से अब
कोई आदत अच्छी नहीं बुरी नहीं।
हजारों गुफ्तुगुं रही इन परिंदो से
कोई सिकबा अब आज़ादी से नहीं ।
हम जब गुज़रे ,
तो साउक ए आइना भी गुज़रे
अब कोई चेहरा जाना पहचाना नहीं ।-
कोई जिंदा है तुम्हारे जिंदगी से अधिक
कोई चला भी जाए तो उसे मौत नहीं कहा जाता ।-
इस जहां में
मेरे बाद क्या कुछ नहीं होगा
पर जो कुछ भी होगा
अब सब मेरे बाद होगा ।-
कुछ हिस्सा जिंदगी का
एक सफर में जाता है ,
तुम बताओ ना ; ; ;
सफर में क्या क्या जाता है ।-
मेरे पंख और तुम्हारी आजादी में अंतर है
तुम्हे उड़ना पसंद है और मुझे आजादी ।-
चलो अब दर्द और दवाई
का सिलसिला ख़तम करते हैं ,
जिनसे मोहब्बत है
चलो उनसे कहते हैं कि
मोहब्बत करते हैं ।-