तेरे साथ गुजारे हर लम्हो मे,
मैं आज भी जिंदा रहना चाहता हूँ ll-
शायद अब वो दिन गए,
जब मोह्हबत थी जान की बाजी,
अब कोई बिछड़ें तो मर नही जाता |||-
एक दम से नजारा बदल गया,
जब वो ठीक होके दुबारा बदल गया,
बातें बदल गयी, लहजा बदल गया,
आहिस्ता - आहिस्ता वो सारा का सारा बदल गया |||-
मैंने पीनी छोड़ दी थी, तूने जो अपनी कसम खिला दी थी,
आज फिर से पीली मैंने, दोस्तों ने जो तेरी हीं कसम खिला दी ||
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उसने शादी भी कर ली और मुझे बताया भी नही,
और एक हम है उनसे बिना पूछे
जो कभी कुछ किया नही ।।-
मेरी मोहब्बत पर तुझे शक़ था न,
तो आज मैं बता दूं तुम्हें की,
हमारी इश्क़ की इंतहा देखो,
सूरज भी गर्म है और चाय भी ।।-
हाँ वो बात अब और है कि हम,
पहले की तरह नही रहे,
लेकिन वो पहले वाले को खत्म,
करने का गुनाह हमने तो नही किया था न ।।-
रंग और सूरत पर मरते, तो इश्क़ तेरे से न करते,
खैर ये गलती हमारी है,
क्योंकि हम बारिशों में वहां ठहरे,
जहाँ बस मिट्टी के घर थे ।।-
मेरी आँखों से अब तक वो क्यों गया ही नही,
उसकी आँखों में जहां तो है, बस एक हया ही नही ।।-
आज, उसे उसकी शादी के जोड़े में देख कर,
अब ये यकीन ही चला कि,
मोहब्बत लौट कर आने वाली कहानियाँ,
कभी सच नही होती है ।।।-