8 JUL 2019 AT 11:34

कर्मणा मनसा वाचा
यदभीक्षणं निषेवते।
तदेवापहरत्येनं
तस्मात्कल्याणमाचरेत्॥
:- मन, वचन, और कर्म से हम लगातार जिस वस्तु के बारे में सोचते हैं, वही हमें अपनी ओर आकर्षित कर लेती है।
अतः हमें सदा शुभ चीजों का चिंतन करना चाहिये।

- Kaushik Chaitanya