देख लेना रो दोगे एक दिन ये सोचकर।
की था कोई जिद्दी सा चाहने वाला
पता नही कहा चला गया अपनी जिद्द छोड़कर।।💝-
इल्म इतना कि एक उम्र गुजरनी है उसके बिना,
जुल्म इतना कि एक पल ना गुजरे उसके बिना..!😔-
बात ये है कि एक उम्र है गुजारनी है उसके बिना
और इल्म ये है कि हमसे एक लम्हा ना गुजारा जा रहा है।😔-
अर्ज किया है
कम से कम दीदार तो होना चाहिए
काले बादल से रोशनी निकलनी चाहिए।
शायरी लिखना मकसद नहीं हैं मेरा
पर कम से कम इस दिल को सुकून तो मिलना चाहिए।।-
बात ये है कि लोग बदल गए हैं।
जुल्म ये है कि वो मानते भी नहीं हैं।।
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पता नही कुछ इस तरह मैं चलता गया ।
वो दूर होता गया , मैं खामोश होता गया...।।-
तुम पर लिखना शुरू कहा से करूं,
अदा से करूं या हया से करूं।
तुम इतनी खुबसूरत हो,
पता नही तारीफ दवा से करूं
या फिर दुआ से करूं।।-
चांदी सोना एक तरफ, तेरा होना एक तरफ ।
तेरी आंखें एक तरफ , जादू टोना एक तरफ 🙂❣️-
मैंने जिस दिन आखरी बार देखा था उसको ।
उस दिन वो सबसे प्यारी लग रही थी...❣️-
चलो आज एक याद और बनाते हैं,
तुम हमें और हम तुम्हें सताते हैं।
कोई ख्वाइश ना रहे सीने में बाकी ,
तू फिर तोड़ मेरा यकीन , फिर से आज तुमको मनाते हैं❤️
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